ममता गृहस्थ जीवन से संन्यास लेकर अब संतों का जीवन व्यतीत करेंगी। संगम तट पर ममता कुलकर्णी का पिंडदान किया गया। किन्नर अखाड़े में उनका पट्टाभिषेक किया गया जानी-मानी फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने कुंभनगरी में आकर आध्यात्मिक जीवन का मार्ग अपनाया और संन्यास की दीक्षा ली। दीक्षा के बाद उनका नाम बदलकर अब श्रीयामाई ममतानंद गिरि हो गया है। संगम तट पर आयोजित विशेष धार्मिक अनुष्ठान में उन्हें संन्यास की दीक्षा दी गई। इसके बाद, किन्नर अखाड़ा की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की अगुवाई में उनका पट्टाभिषेक संपन्न हुआ। हर-हर महादेव के जयकारों के बीच उन्हें अखाड़े में धर्मध्वजा के नीचे महामंडलेश्वर की उपाधि प्रदान की गई ममता कुलकर्णी गुरुवार को महाकुंभ नगरी पहुंची थीं। शुक्रवार सुबह उन्होंने सेक्टर-16 संगम लोवर मार्ग स्थित किन्नर अखाड़ा शिविर में प्रवेश किया। यहां उनकी संन्यास दीक्षा की प्रक्रिया शुरू हुई। इस दीक्षा अनुष्ठान में आचार्य पुरोहित और अन्य संतों की उपस्थिति में दो घंटे तक धार्मिक क्रियाएं संपन्न हुईं। श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर गर्गाचार्य मुचकुंद और पीठाधीश्वर स्वामी महेंद्रानंद गिरि समेत कई संत इस विशेष अवसर पर उपस्थित थे शाम को संगम तट पर पिंडदान की विधि पूरी की गई। इसके बाद किन्नर अखाड़ा के शिविर में पट्टाभिषेक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने विधिवत पूजन के बाद उनका पट्टाभिषेक किया और उनका नया नाम ‘श्रीयामाई कुलकर्णी’ रखा ममता कुलकर्णी का यह आध्यात्मिक परिवर्तन कुंभनगरी में चर्चा का विषय बन गया है। फिल्मी दुनिया में अपनी पहचान बनाने के बाद, उन्होंने आध्यात्मिकता की राह चुनकर समाज को नई प्रेरणा दी है। अब वे किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर के रूप में अपनी भूमिका निभाएंगी
Mahakumbh: ममता कुलकर्णी ने लिया संन्यास, किन्नर अखाड़े में दीक्षा लेकर बनीं महामंडलेश्वर, ये है नया नाम
ममता गृहस्थ जीवन से संन्यास लेकर अब संतों का जीवन व्यतीत करेंगी। संगम तट पर ममता कुलकर्णी का पिंडदान किया गया। किन्नर अखाड़े में उनका पट्टाभिषेक किया गया जानी-मानी फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने कुंभनगरी में आकर आध्यात्मिक जीवन का मार्ग अपनाया और संन्यास की दीक्षा ली। दीक्षा के बाद उनका नाम बदलकर अब श्रीयामाई ममतानंद गिरि हो गया है। संगम तट पर आयोजित विशेष धार्मिक अनुष्ठान में उन्हें संन्यास की दीक्षा दी गई। इसके बाद, किन्नर अखाड़ा की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की अगुवाई में उनका पट्टाभिषेक संपन्न हुआ। हर-हर महादेव के जयकारों के बीच उन्हें अखाड़े में धर्मध्वजा के नीचे महामंडलेश्वर की उपाधि प्रदान की गई ममता कुलकर्णी गुरुवार को महाकुंभ नगरी पहुंची थीं। शुक्रवार सुबह उन्होंने सेक्टर-16 संगम लोवर मार्ग स्थित किन्नर अखाड़ा शिविर में प्रवेश किया। यहां उनकी संन्यास दीक्षा की प्रक्रिया शुरू हुई। इस दीक्षा अनुष्ठान में आचार्य पुरोहित और अन्य संतों की उपस्थिति में दो घंटे तक धार्मिक क्रियाएं संपन्न हुईं। श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर गर्गाचार्य मुचकुंद और पीठाधीश्वर स्वामी महेंद्रानंद गिरि समेत कई संत इस विशेष अवसर पर उपस्थित थे शाम को संगम तट पर पिंडदान की विधि पूरी की गई। इसके बाद किन्नर अखाड़ा के शिविर में पट्टाभिषेक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने विधिवत पूजन के बाद उनका पट्टाभिषेक किया और उनका नया नाम ‘श्रीयामाई कुलकर्णी’ रखा ममता कुलकर्णी का यह आध्यात्मिक परिवर्तन कुंभनगरी में चर्चा का विषय बन गया है। फिल्मी दुनिया में अपनी पहचान बनाने के बाद, उन्होंने आध्यात्मिकता की राह चुनकर समाज को नई प्रेरणा दी है। अब वे किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर के रूप में अपनी भूमिका निभाएंगी