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Mahakumbh Stampede: महाकुंभ भगदड़ पर जमात-ए-इस्लामी हिंद का बयान, योगी सरकार से की अहम मांग

Report By : ICN Network
जमात-ए-इस्लामी हिंद ने कहा है कि घटना एक बार फिर इस बात को दर्शाती है कि इस तरह की विशाल भीड़ में सावधानीपूर्वक योजना और भीड़ को कंट्रोल करने की तत्काल जरूरत है

मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ में अमृत स्नान से पहले मची भगदड़ में 30 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि 60 से अधिक लोग घायल हो गए। इस घटना को लेकर जमात-ए-इस्लामी हिंद ने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार से तत्काल कदम उठाने की मांग की है। संगठन का कहना है कि कुंभ मेले में व्यवस्थाओं की खामियों को जल्द से जल्द दूर किया जाना चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की त्रासदियों को रोका जा सके।

जमात-ए-इस्लामी हिंद का बयान

जमात-ए-इस्लामी हिंद ने इस हादसे को लेकर केंद्र की मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से विशेष मांग की है। संगठन ने कहा कि आम श्रद्धालुओं को भी वीआईपी तीर्थयात्रियों के समान सुरक्षा और सुविधाएं मिलनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि हादसे के कारण जिन्होंने अपनों को खोया है, उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं और ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वे उन्हें इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।

भीड़ नियंत्रण की जरूरत

जमात-ए-इस्लामी हिंद के उपाध्यक्ष सलीम इंजीनियर ने कहा कि यह घटना इस बात का संकेत देती है कि इतने विशाल जनसमूह को संभालने के लिए बेहद सावधानीपूर्वक योजना बनाने और भीड़ नियंत्रण के प्रभावी उपाय करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा ही प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए, न कि वीआईपी तीर्थयात्रियों को विशेष सुविधाएं देने पर ध्यान केंद्रित करना।

सभी के लिए समान सुरक्षा की मांग

संगठन ने यह भी कहा कि केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को इस त्रासदी की पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुधारात्मक कदम उठाने चाहिए। जमात-ए-इस्लामी हिंद ने आग्रह किया कि कुंभ मेले में आम श्रद्धालुओं को भी उतनी ही सुरक्षा मिलनी चाहिए जितनी वीआईपी और विशेष अतिथियों को दी जाती है। प्रशासन को इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न होने देने के लिए सख्त उपाय करने चाहिए।

हादसे में अन्य राज्यों के श्रद्धालु भी शामिल

डीआईजी के अनुसार, भगदड़ में मारे गए लोगों में उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों के श्रद्धालु भी शामिल हैं। कर्नाटक से चार, असम से एक और गुजरात से एक श्रद्धालु की मौत हुई है। इसके अलावा, कई घायलों को उनके परिजन उपचार के लिए अपने साथ ले गए हैं। प्रशासन ने बताया कि अमृत स्नान में देरी होने के कारण भीड़ बेकाबू हो गई, जिससे भगदड़ मच गई।

भविष्य में बेहतर व्यवस्थाओं की आवश्यकता

इस हादसे के बाद सरकार और प्रशासन पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या इतनी बड़ी संख्या में लोगों को संभालने के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए थे। कुंभ जैसे भव्य आयोजनों में लाखों की संख्या में श्रद्धालु उमड़ते हैं, ऐसे में भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

श्रद्धालुओं की सुरक्षा को मिले प्राथमिकता

धार्मिक आयोजनों में हर श्रद्धालु के लिए सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करना सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी है। जमात-ए-इस्लामी हिंद ने यह मांग की है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए ठोस रणनीति अपनाई जाए और प्रशासन आम श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर अधिक सतर्कता बरते

By admin

Journalist & Entertainer Ankit Srivastav ( Ankshree)

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