Report By : ICN Network
महाराष्ट्र सरकार ने अपनी नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2025 को मंजूरी दे दी है, जिसका उद्देश्य राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देना और प्रदूषण को कम करना है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस नीति को स्वीकृति मिली। यह नीति 2030 तक प्रभावी रहेगी और इसके लिए अगले पांच वर्षों में ₹1,993 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है।
नई नीति के अंतर्गत, मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे, अटल सेतु और समृद्धि महामार्ग पर यात्रा करने वाले सभी चार पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों और बसों को टोल शुल्क से पूरी तरह छूट दी जाएगी। इसके अलावा, राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों पर इन वाहनों को 50% टोल छूट प्रदान की जाएगी।
इलेक्ट्रिक दोपहिया, तिपहिया, चार पहिया निजी वाहन, राज्य परिवहन उपक्रम की बसों और निजी बसों को उनकी मूल कीमत पर 10% छूट मिलेगी। वहीं, इलेक्ट्रिक मालवाहक तिपहिया और चार पहिया वाहन, ट्रैक्टर और कंबाइन हार्वेस्टर जैसे कृषि उपकरणों पर 15% तक की छूट दी जाएगी।
राज्य सरकार ने चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की योजना बनाई है। राष्ट्रीय राजमार्गों पर हर 25 किलोमीटर की दूरी पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे, जिससे लंबी दूरी की यात्रा के दौरान इलेक्ट्रिक वाहन चालकों को सुविधा होगी।
इस नीति का मुख्य उद्देश्य महाराष्ट्र को इलेक्ट्रिक वाहन हब के रूप में स्थापित करना और राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन और उपयोग को बढ़ावा देना है।