Report By : ICN Network
महाराष्ट्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए पुलिस कांस्टेबल और नाइक को मामूली अपराधों की जांच करने का अधिकार प्रदान किया है। इससे पहले राज्य में केवल उपनिरीक्षक और उससे ऊपर के अधिकारी ही अपराधों की जांच कर सकते थे, जबकि कांस्टेबल और नाइक की भूमिका केवल कानून-व्यवस्था बनाए रखने या जांच में सहायक की थी। लेकिन अब इस आदेश के अनुसार, जिन कांस्टेबल और नाइक के पास स्नातक की डिग्री है, सात वर्ष से अधिक सेवा अनुभव है और जिन्होंने छह सप्ताह का अपराध जांच प्रशिक्षण कोर्स पूरा किया है, वे मामूली अपराधों की जांच कर सकेंगे।
इस फैसले का उद्देश्य पुलिस बल की कार्यक्षमता को बढ़ाना और विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस बल की कमी को पूरा करना है। महाराष्ट्र में लगभग 45,000 हेड कांस्टेबल, 1,10,000 पुलिस कांस्टेबल और 25,000 से अधिक नाइक इस आदेश के दायरे में आते हैं। माना जा रहा है कि इस कदम से अपराधों की जांच प्रक्रिया तेज़ और प्रभावी होगी, जिससे आम जनता को बेहतर सुरक्षा और न्याय मिलेगा। हालांकि, इस बदलाव के साथ प्रशिक्षण और निगरानी का भी खास ध्यान रखा जाएगा ताकि जांच की गुणवत्ता बनी रहे।
इस प्रकार, महाराष्ट्र सरकार का यह निर्णय पुलिस व्यवस्था में सुधार और बेहतर सेवा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।