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57 टन बीफ बरामदगी के बाद महाराष्ट्र सरकार सख्त, बीफ तस्करी पर नया कानून और गोरक्षकों को राहत

Report By : ICN Network

महाराष्ट्र में बीफ तस्करी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की तैयारी हो रही है। राज्य की देवेंद्र फडणवीस सरकार ने लोनावला में हुए 57 टन बीफ की बरामदगी के बाद सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। यह बीफ दो कंटेनरों में भरकर जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट की ओर ले जाया जा रहा था, जब मार्च में पुलिस ने इसे पकड़ लिया।

इस बड़ी बरामदगी के बाद सरकार ने बीफ तस्करी की रोकथाम के लिए नए कानून की रूपरेखा तैयार करनी शुरू कर दी है। इस प्रस्तावित कानून के तहत तस्करी में शामिल लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, मुख्यमंत्री फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार ने यह भी घोषणा की है कि गोरक्षा के नाम पर कार्रवाई करने वाले लोगों के खिलाफ दर्ज मामलों की समीक्षा कर उन्हें वापस लिया जाएगा। सरकार का मानना है कि कई गोरक्षक ऐसे हैं जिन्होंने बिना किसी निजी स्वार्थ के बीफ तस्करी के मामलों को उजागर किया है, लेकिन उनके खिलाफ गलत तरीके से मामले दर्ज हुए हैं।

बीजेपी विधायक शरद भारतीया ने इस मुद्दे को विधान परिषद में उठाते हुए कहा कि जब्त किया गया बीफ हैदराबाद की एक कंपनी द्वारा भेजा गया था। उन्होंने मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष जांच दल (SIT) गठित करने की मांग भी की। पुलिस के अनुसार, यह तस्करी एक संगठित गिरोह द्वारा की जा रही थी, जिसमें संभवतः अंतर-राज्यीय नेटवर्क भी शामिल था।

गृह राज्य मंत्री (ग्रामीण) पंकज भोयर ने सदन में कहा कि राज्य सरकार एक कठोर कानून लाने जा रही है, जिसमें बीफ तस्करों पर कठोर दंड का प्रावधान होगा और गोरक्षकों पर लगे झूठे मुकदमे वापस लिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि कई गोरक्षक केवल समाजहित में काम कर रहे थे, और उन्हें कानूनी संरक्षण मिलना चाहिए।

सरकार का यह निर्णय गोरक्षक समूहों के लिए एक बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है, जबकि विपक्षी दल और मानवाधिकार संगठनों ने इस पर सवाल उठाए हैं। विपक्ष का कहना है कि यह कदम सामाजिक संतुलन को प्रभावित कर सकता है और गोरक्षकों को कानून अपने हाथ में लेने की छूट दे सकता है।

सरकार द्वारा प्रस्तावित नए कानून में न केवल तस्करों के लिए भारी जुर्माना और कठोर सजा का प्रावधान हो सकता है, बल्कि मवेशियों की अवैध आवाजाही को रोकने के लिए निगरानी तंत्र को और मजबूत करने की योजना भी शामिल है। राज्य में पहले से ही महाराष्ट्र पशु संरक्षण अधिनियम, 1976 के तहत गाय, बैल और बछड़े की हत्या पर प्रतिबंध लागू है, जिसे अब और कड़ा किया जाएगा। बीफ की बिक्री, आयात और परिवहन पर भी सख्ती की तैयारी है।


By admin

Journalist & Entertainer Ankit Srivastav ( Ankshree)

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