हैरानी की बात ये है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने बयान को सही ठहराने के लिए मोहन भागवत के अलावा पीएम मोदी का भी नाम लिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा है कि हिंदू धर्म कोई धर्म नहीं है। जब ये लोग ऐसे बयान देते हैं तो किसी की भावनाएं आहत नहीं होतीं लेकिन अगर यही बात जब स्वामी प्रसाद मौर्य कहते हैं तो पूरे देश में भूचाल मच जाता है। वोट मांगने के लिए बन जाते है हिंदू
दरअसल, दिल्ली के जंतर-मंतर पर आयोजित बहुजन समाज अधिकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए मौर्य ने कहा कि सिर्फ 8 प्रतिशत लोग अपने बलबूते सरकार नहीं बना सकते। यानी वोट के लिए हम हिंदू। वोट के लिए दलित, ओबीसी के लोग हिंदू लेकिन सत्ता में आने के बाद हम लोग हिंदू नहीं रह जाते। अगर ये लोग सत्ता में आने के बाद हमें हिंदू मानते तो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग के लोगों का आरक्षण खत्म नहीं करते। इसका मतलब हिंदू एक धोखा है। आपको बता दें कि ये कोई पहली बार नहीं है जब मौर्य ने हिंदू धर्म को लेकर विवादिता बयान दिया हो। इसे पहले भी मौर्य सनातन और रामचरित मानस को लेकर विवादित बयान दे चुके है।