Report By – Himanshu Garg (Delhi)
उत्तर प्रदेश की राजनीति के मैदान में अपनी जगह बनाने के लिए समाजवादी पार्टी 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के बाद से ही जुटी है। वैसे तो सपा मुखिया अखिलेश यादव का ब्राह्मण वोट बैंक को साधने पर ज्यादा फोकस था। लेकिन यूपी चुनाव 2022 में पार्टी को अधिक लाभ नहीं मिल सका। जिसके बाद अब 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर सपा एक बार फिर ब्राह्मणों को साधने में जुटी है। लेकिन इस बार भी ऐसा होता नजर नहीं आ रहे है क्योंकि पार्टी के बड़े नेता स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार एक के बाद एक हिंदू समाज को लेकर विवादित बयान देते नजर आ रहे है। दरअसल, स्वामी प्रसाद मौर्य ने हिंदू धर्म को लेकर एक बार फिर विवादित बयान देते हुए कहा कि ‘हिंदू एक धोखा है। वेसै भी साल 1995 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हिंदू कोई धर्म नहीं है, यह जीवन जीने की एक शैली है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी दो बार कह चुके हैं कि हिंदू नाम का कोई धर्म नहीं है, बल्कि यह जीवन जीने की एक कला है।
स्वामी ने दिया मोहन भागवत का हवाला
हैरानी की बात ये है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने बयान को सही ठहराने के लिए मोहन भागवत के अलावा पीएम मोदी का भी नाम लिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा है कि हिंदू धर्म कोई धर्म नहीं है। जब ये लोग ऐसे बयान देते हैं तो किसी की भावनाएं आहत नहीं होतीं लेकिन अगर यही बात जब स्वामी प्रसाद मौर्य कहते हैं तो पूरे देश में भूचाल मच जाता है।
वोट मांगने के लिए बन जाते है हिंदू
दरअसल, दिल्ली के जंतर-मंतर पर आयोजित बहुजन समाज अधिकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए मौर्य ने कहा कि सिर्फ 8 प्रतिशत लोग अपने बलबूते सरकार नहीं बना सकते। यानी वोट के लिए हम हिंदू। वोट के लिए दलित, ओबीसी के लोग हिंदू लेकिन सत्ता में आने के बाद हम लोग हिंदू नहीं रह जाते। अगर ये लोग सत्ता में आने के बाद हमें हिंदू मानते तो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग के लोगों का आरक्षण खत्म नहीं करते। इसका मतलब हिंदू एक धोखा है।
आपको बता दें कि ये कोई पहली बार नहीं है जब मौर्य ने हिंदू धर्म को लेकर विवादिता बयान दिया हो। इसे पहले भी मौर्य सनातन और रामचरित मानस को लेकर विवादित बयान दे चुके है।