इस परियोजना के लिए गुरुवार को निविदाएँ जारी कर दी गई हैं और निर्माण कार्य तीन वर्षों के भीतर पूरा होने की उम्मीद है। यह पुल भिवंडी को और बेहतर ढंग से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। भिवंडी—जो पावरलूम उद्योग, वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स हब के रूप में पहचान रखता है—मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर पर भी एक स्टेशन होने के कारण महत्वपूर्ण बनता जा रहा है।
हाल के वर्षों में ठाणे और मुंबई दिशा में भिवंडी से यातायात में तेजी आई है, ऐसे में यह पुल क्षेत्र की कनेक्टिविटी को नई गति देगा। परियोजना को उपमुख्यमंत्री और ठाणे के संरक्षक मंत्री एकनाथ शिंदे का विशेष समर्थन मिला हुआ है। MMRDA के प्रवक्ता के अनुसार, भारी यातायात को कम करने और कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कोलशेत–कल्हेर पुल का निर्माण अत्यंत आवश्यक है। यह पुल न केवल यात्रा समय घटाएगा, बल्कि औद्योगिक गतिविधियों और लॉजिस्टिक नेटवर्क को भी सशक्त करेगा।

