मुंबई में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने मझगांव स्थित सिविल सेशन कोर्ट के एक क्लर्क को 15 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। यह रकम कथित तौर पर एक अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की ओर से भूमि विवाद के मामले में अनुकूल फैसला दिलाने के बदले मांगी गई थी।
ACB के अनुसार, क्लर्क-सह-टाइपिस्ट चंद्रकांत वासुदेव को मंगलवार को रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया। इसके साथ ही मझगांव सिविल कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एजाजुद्दीन सलाउद्दीन काजी को इस मामले में वांछित आरोपी घोषित किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि हाल के वर्षों में यह पहला मामला है जब किसी अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है।
ACB की जांच में सामने आया कि शिकायतकर्ता से पहले 25 लाख रुपये की मांग की गई थी। शिकायतकर्ता की पत्नी ने अपनी कंपनी की जमीन पर जबरन कब्जे को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। बातचीत के बाद मांग घटाकर 15 लाख रुपये की गई।
25 लाख में से 10 लाख का हिस्सा कथित रूप से क्लर्क वासुदेव के लिए था
जबकि 15 लाख रुपये जज काजी के लिए बताए गए
भूमि विवाद का मामला 2016 में स्थानांतरित हुआ था
अप्रैल 2016 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने विवादित जमीन पर किसी भी तीसरे पक्ष के अधिकारों पर रोक लगा दी थी। जमीन का मूल्यांकन 10 करोड़ रुपये से कम होने के कारण यह वाणिज्यिक मामला बाद में मझगांव सिविल सत्र न्यायालय को सौंपा गया।
ACB के अनुसार, इसी मामले में लाभकारी फैसला दिलाने के लिए रिश्वत की मांग की गई थी, जिसका जाल बिछाकर भंडाफोड़ किया गया।
ACB अब न्यायाधीश की भूमिका की स्वतंत्र रूप से जांच कर रही है, जबकि क्लर्क को हिरासत में लेकर पूछताछ जारी है।