Report By : ICN Network
गाजियाबाद से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक नमो भारत रैपिड रेल चलाने के प्रस्ताव को अब केंद्रीय स्तर पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। आवास और शहरी कार्य मंत्रालय ने इस योजना पर मंथन शुरू कर दिया है और उत्तर प्रदेश शासन व नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (NMRC) से इससे जुड़े कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जानकारी मांगी है।
मंत्रालय ने शासन से जहां बजट, लागत विभाजन और हिस्सेदारी को लेकर विवरण मांगा है, वहीं NMRC से पूछा गया है कि सेक्टर-51 से नॉलेज पार्क-5 तक प्रस्तावित ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो रूट पर उनकी योजना क्या है।
इस बीच, नमो भारत रेल के रूट की बात करें तो इसका एक विकल्प गाजियाबाद के एकमूर्ति गोलचक्कर के पास से प्रस्तावित है। यदि यह रूट स्वीकृत हो जाता है, तो तकनीकी कारणों से सामान्य मेट्रो के संचालन में परेशानी आ सकती है, क्योंकि एक ही ट्रैक पर दोनों प्रणालियों को चलाने में सामंजस्य बैठाना जटिल होगा। यही कारण है कि NMRC और मंत्रालय दोनों स्तरों पर इस पर मंथन चल रहा है।
गौरतलब है कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट में मेट्रो परियोजना का प्रस्ताव पिछले 8 वर्षों से सिर्फ फाइलों में दबा हुआ है। हालांकि, नवंबर 2023 में यूपी सरकार की कैबिनेट ने सेक्टर-51 से ब्लू लाइन के सेक्टर-61 होते हुए नॉलेज पार्क-5 तक जाने वाले संशोधित रूट की DPR को मंजूरी दे दी थी। इससे पहले रूट को सेक्टर-51 से बाबा बालकनाथ मंदिर होते हुए पर्थला गोलचक्कर तक प्रस्तावित किया गया था, जिसे 2019 में यूपी कैबिनेट से हरी झंडी मिलने के बाद केंद्र को भेजा गया था। केंद्र स्तर पर भी कई मंत्रालयों ने इस पर सहमति दी थी, लेकिन कैबिनेट नोट तैयार होने से पहले ही इसमें बदलाव कर दिया गया।
अब एक तरफ गाजियाबाद से एयरपोर्ट तक नमो भारत रेल प्रोजेक्ट को लेकर प्रारूप तैयार हो चुका है, तो दूसरी ओर ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो परियोजना भी फिर से मंत्रालय की फाइलों में चर्चा में है। दोनों ही योजनाएं अब आवास मंत्रालय के विचाराधीन हैं, जिससे यह स्पष्ट है कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा के परिवहन नेटवर्क के भविष्य को लेकर अहम निर्णय निकट हैं।