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इसके अलावा, गडकरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस तकनीक का सुझाव देने का भी जिक्र किया, जिसके बाद इसे मंजूरी मिली और शहरी विकास विभाग ने इसे लागू किया। उनका कहना था कि यह बदलाव आने वाले समय में ट्रांसपोर्ट सिस्टम में क्रांतिकारी सुधार लाएगा। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने साझा किया अपना अनुभव, छात्रों को दी प्रेरणा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, “मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे जीवन में बेहतरीन शिक्षक मिले, लेकिन 1975 में जब मैं मैट्रिक में था, तब इमरजेंसी लागू हो गई। उस दौरान मैंने जयप्रकाश नारायण के आंदोलन में भाग लेना शुरू कर दिया, जिससे मेरी पढ़ाई प्रभावित हुई और मैं इंजीनियरिंग के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाया।” उन्होंने बताया कि इस वजह से उनके परिवार और रिश्तेदार नाराज हो गए, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। गडकरी ने महात्मा गांधी के विचारों को दोहराते हुए कहा, “हर व्यक्ति जीवनभर एक शिक्षार्थी रहता है। ज्ञान कभी समाप्त नहीं होता।” उन्होंने बृहस्पति महिला महाविद्यालय के वार्षिक कार्यक्रम में छात्रों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हर दिन कुछ नया सीखना चाहिए। साथ ही, उन्होंने छात्रों से विज्ञान और नवाचार का उपयोग करके देश को आगे बढ़ाने की अपील की।