Report By : ICN Network
नोएडा में लंबे समय से रुके हुए रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स को अब नई जिंदगी मिलने जा रही है। नोएडा अथॉरिटी ने रियल एस्टेट सेक्टर को राहत देने के उद्देश्य से को-डेवलपर नीति को मंजूरी दे दी है। यह फैसला उन परियोजनाओं के लिए महत्वपूर्ण है जो कई सालों से अधर में लटकी हुई थीं और जिनके खरीदार लंबे समय से अपने घर का इंतजार कर रहे थे।
नई नीति के तहत अब डेवलपर्स अपने अधूरे प्रोजेक्ट्स में को-डेवलपर को जोड़ सकेंगे, जो उनके साथ मिलकर निर्माण कार्य को पूरा करेगा। इसका उद्देश्य है कि परियोजनाओं को जल्द से जल्द पूरा किया जाए और निवेशकों तथा घर खरीदारों को उनका हक समय पर मिले। इससे न केवल ग्राहकों को राहत मिलेगी, बल्कि नोएडा रियल एस्टेट सेक्टर को भी नई ऊर्जा मिलेगी।
नोएडा अथॉरिटी के CEO डॉ. संजीव मित्तल के अनुसार, को-डेवलपर पॉलिसी को लागू करने से परियोजनाओं में तेजी आएगी और बाजार में विश्वास बहाल होगा। अथॉरिटी की कोशिश है कि जिन प्रोजेक्ट्स में फंडिंग या प्रबंधन की दिक्कतें हैं, वहां नई पार्टनरशिप के ज़रिए समाधान निकाला जा सके।
यह कदम उन बिल्डरों के लिए भी फायदेमंद है जो अपनी आर्थिक स्थिति के कारण प्रोजेक्ट को आगे नहीं बढ़ा पा रहे थे। अब वे नए को-डेवलपर को लाकर निर्माण प्रक्रिया को फिर से शुरू कर सकते हैं। नीति का उद्देश्य न केवल फ्लैट खरीदारों को राहत देना है, बल्कि बाजार में फंसे निवेश को भी दोबारा सक्रिय करना है।
अथॉरिटी का मानना है कि इस फैसले से शहर में विकास की गति बढ़ेगी और अधूरी परियोजनाओं के कारण वर्षों से अटके हुए मकानों की डिलीवरी भी अब संभव हो पाएगी। इससे नोएडा को एक बार फिर से रियल एस्टेट का भरोसेमंद हब बनाने में मदद मिलेगी।