Report By : ICN Network
नोएडा में अवैध निर्माण की समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। बिना अनुमति के बन रहे गोदाम, फैक्ट्रियाँ और व्यावसायिक इमारतें क्षेत्र की सुनियोजित विकास योजनाओं को गंभीर रूप से प्रभावित कर रही हैं। ये निर्माण शहर की मूल योजना के विरुद्ध हैं, जिससे ना सिर्फ सौंदर्य बिगड़ रहा है, बल्कि यातायात, जल आपूर्ति और अन्य बुनियादी सुविधाओं पर भी भारी दबाव पड़ रहा है।
इस बढ़ती अव्यवस्था का सबसे बड़ा असर नोएडा के औद्योगिक विकास पर देखा जा रहा है। ‘न्यू नोएडा’ को एक आधुनिक और सुव्यवस्थित औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई थी, मगर अवैध निर्माणों के कारण यह लक्ष्य अब खतरे में पड़ता दिख रहा है। निवेशक इस क्षेत्र में अब निवेश करने से झिझक रहे हैं, क्योंकि उन्हें कानूनी विवादों और सुविधाओं की कमी की चिंता है। वहीं, पहले से स्थापित उद्योग भी लगातार समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
प्रशासन द्वारा समय-समय पर कार्रवाई की जा रही है। कई अवैध इमारतों को गिराया गया है और ज़िम्मेदार लोगों पर जुर्माने लगाए गए हैं। लेकिन इन कार्रवाइयों में कानूनी प्रक्रियाओं की जटिलता और स्थानीय विरोध जैसी समस्याएँ सामने आती हैं, जिससे प्रशासन की कोशिशें पूरी तरह सफल नहीं हो पा रही हैं।
इस समस्या का समाधान तभी संभव है जब प्रशासनिक स्तर पर सख्ती और पारदर्शिता लाई जाए। अवैध निर्माणों की निगरानी के लिए एक मजबूत तंत्र विकसित करना होगा और आम लोगों को भी इसके दुष्परिणामों से अवगत कराना होगा। जब तक ज़मीन आवंटन, नक्शा पासिंग और निर्माण की प्रक्रियाओं में पारदर्शिता नहीं होगी, तब तक इस तरह की अनियमितताओं पर रोक लगाना मुश्किल रहेगा।
यदि समय रहते इस पर सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो नोएडा का औद्योगिक भविष्य खतरे में पड़ सकता है और ‘न्यू नोएडा’ के सपने को साकार करना और भी कठिन हो जाएगा।