Report By : ICN Network नोएडा: अगर आप कभी सुबह या शाम के वक्त सेक्टर-60 से मामूरा तक गए हैं तो आपको अच्छे से मालूम होगा कि यहां सड़कों की हालत कैसी है। गाड़ियां इतनी ज्यादा होती हैं कि सड़कें नजर ही नहीं आतीं। घंटों तक लोग जाम में फंसे रहते हैं। लेकिन अब जल्द ही इस रास्ते से गुजरने वालों को बड़ी राहत मिलने वाली है। दरअसल, सेक्टर-62 मॉडल टाउन गोलचक्कर से सेक्टर-60 मामूरा तक मोबिलिटी कॉरिडोर बनाने के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है।
मॉडल टाउन गोलचक्कर से मामूरा तक लगभग 2.9 किलोमीटर लंबी सड़क फैली हुई है। इस पूरे रूट पर खासकर सुबह और शाम के समय लंबा जाम लगना आम बात है। कल्पना कीजिए, अगर किसी मरीज को इस ट्रैफिक में फंसना पड़े तो कितनी परेशानी हो सकती है। इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए नोएडा विकास प्राधिकरण ने कई बार निरीक्षण और सर्वेक्षण कर एक मॉडल मोबिलिटी कॉरिडोर बनाने की योजना तैयार की है। अधिकारियों के अनुसार, इस योजना के तहत सड़क इंजीनियरिंग के जरिए लंबी दूरी और स्थानीय ट्रैफिक को अलग-अलग करने की कोशिश की जाएगी, ताकि आवागमन सुगम हो सके।
मार्च में नोएडा अथॉरिटी ने इस प्रोजेक्ट के लिए टेंडर जारी किया था। कई एजेंसियों ने इसमें रुचि भी दिखाई थी, लेकिन अथॉरिटी के मुताबिक कोई भी एजेंसी तय मानकों पर खरी नहीं उतरी। इसी वजह से अथॉरिटी ने अब एक बार फिर टेंडर जारी करने का फैसला लिया है, ताकि जल्द से जल्द काम शुरू किया जा सके।
इस कॉरिडोर को बनाने में करीब 7 करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं. वहीं काम पूरा करने के लिए एजेंसी के पास छह महीने का समय होगा. इससे कम दूरी वाला ट्रैफिक सर्विस रोड से निकाला जाएगा, जिससे मुख्य सड़क पर वाहनों का दबाव कम होगा. ऐसे में जो वाहन कम दूरी के होंगे वो मुख्य सड़क पर जाने के बजाय बाएं मुड़कर सर्विस रोड से आसानी से गुजरेंगे. कॉरिडोर की योजना के तहत जाम में कमी लाने, सड़क सुरक्षा और सौंदर्यीकरण से जुड़े काम किए जाएंगे.
गोलचक्कर का आकार छोटा करने का काम शुरू सेक्टर-62 मॉडल टाउन गोलचक्कर का आकार छोटा करने का काम शुरू कर दिया गया है. इसके बाद यहां आगे कोने पर बना सार्वजनिक शौचालय को हटाया जाएगा. इसका काम भी शुरू कर दिया गया है. इसके पास ही छिजारसी की तरफ जाने वाली सड़क किनारे ऑटो और ई-रिक्शा स्टैंड बनाया जाएगा.
जानकारी के लिए बता दें कि मोबिलिटी कॉरिडोर शहरी विकास की एक ऐसी योजना है, जिसके तहत लोगों और सामान की आवाजाही को आसान और प्रभावी बनाने के लिए खास रास्तों या क्षेत्रों का निर्माण किया जाता है। इसका मुख्य मकसद यात्रा को तेज, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल बनाना है।