आजाद अपने समर्थकों और अन्य छात्रों के साथ नॉर्थ कैंपस में विरोध प्रदर्शन करने आए थे। प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है, क्योंकि उनके पास प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं थी। आजाद समेत करीब 80 लोगों को हिरासत में लिया गया है और बुराड़ी पुलिस स्टेशन ले जाया गया। कुछ घंटों के बाद उन्हें रिहा कर दिया जाएगा। वहीं मामले में जानकारी देते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद की सदस्य माया जॉन ने बताया कि विश्वविद्यालय परिसर और बाहर लोकतांत्रिक स्थान तेजी से सिकुड़ रहा है और यह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है। आज जो हुआ वह सच में निंदनीय है… जिस तरह से अधिकारी विरोध प्रदर्शनों पर रोक लगा रहे हैं, प्रतिरोध के लिए कोई लोकतांत्रिक जगह नहीं छोड़ रहे हैं। उन्होंने आगे ये भी कहा कि सभी लोकतांत्रिक ताकतों को प्रशासनिक अधिनायकवाद, दमन और जवाबदेही की कमी का सामूहिक रूप से विरोध करने के लिए एकजुट होना चाहिए। गौरतलब है कि चंद्र शेखर आजाद DU की पूर्व सहायक प्रोफेसर रितु सिंह के समर्थन में प्रदर्शन करने पहुंचे थे। रितु सिंह को DU के दौलत राम कॉलेज ने 2020 में बर्खास्त कर दिया था। फिलहाल ये मामला कोर्ट में चल रहा है।
Chandrashekhar Azad को उठा ले गई पुलिस ! DU की पूर्व प्रोफेसर के समर्थन में उतरना पड़ा भारी

आजाद अपने समर्थकों और अन्य छात्रों के साथ नॉर्थ कैंपस में विरोध प्रदर्शन करने आए थे। प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है, क्योंकि उनके पास प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं थी। आजाद समेत करीब 80 लोगों को हिरासत में लिया गया है और बुराड़ी पुलिस स्टेशन ले जाया गया। कुछ घंटों के बाद उन्हें रिहा कर दिया जाएगा। वहीं मामले में जानकारी देते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद की सदस्य माया जॉन ने बताया कि विश्वविद्यालय परिसर और बाहर लोकतांत्रिक स्थान तेजी से सिकुड़ रहा है और यह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है। आज जो हुआ वह सच में निंदनीय है… जिस तरह से अधिकारी विरोध प्रदर्शनों पर रोक लगा रहे हैं, प्रतिरोध के लिए कोई लोकतांत्रिक जगह नहीं छोड़ रहे हैं। उन्होंने आगे ये भी कहा कि सभी लोकतांत्रिक ताकतों को प्रशासनिक अधिनायकवाद, दमन और जवाबदेही की कमी का सामूहिक रूप से विरोध करने के लिए एकजुट होना चाहिए। गौरतलब है कि चंद्र शेखर आजाद DU की पूर्व सहायक प्रोफेसर रितु सिंह के समर्थन में प्रदर्शन करने पहुंचे थे। रितु सिंह को DU के दौलत राम कॉलेज ने 2020 में बर्खास्त कर दिया था। फिलहाल ये मामला कोर्ट में चल रहा है।