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UP-ग़ाज़ीपुर में सड़क हादसे के नए कानून से जनता व यात्री हुए परेशान,2 घण्टे की हड़ताल से ठंड में परेशान हए यात्री

यूपी के गाज़ीपुर में सड़कों पर दौड़ रहे वाहनों से किसी की दुर्घटना या मौत हो जाने पर केंद्र सरकार के द्वारा एक नया कानून लाया गया है। जिसके तहत 10 लाख रुपए के जुर्माना और जेल की सजा का प्रावधान किया गया है। इस कानून के आ जाने के बाद से ही वाहन चालकों में काफी गुस्सा देखने को मिल रहा है। जिसका नजर आज गाजीपुर में देखने को मिला की प्राइवेट बस यूनियन, ट्रक आपरेटर यूनियन के साथ ही रोडवेज के ड्राइवर भी हड़ताल में शामिल हो गए।

अनिश्चितकाल के लिए अपने वाहनों के पहिए को जाम कर दिया। हालांकि रोडवेज का हड़ताल मात्र 2 घंटे चला और तकरीबन 10:00 बजे से जैसे ही इसकी जानकारी आला अधिकारियों को हुई तो रोडवेज की हड़ताल को खत्म कर दिया गया। इस दौरान ज्यादा यात्रियों को काफी और सुविधा का सामना करना पड़ा। रोडवेज के संचालक को शुरू होने की जानकारी पर प्राइवेट बस एसोसिएशन के लोग रोडवेज बस अड्डे पर पहुंचे और इसकी जानकारी जैसे ही पुलिस को हुई भारी संख्या में क्षेत्राधिकारी सदर के देखरेख में पुलिस फोर्स पहुंची और कुछ देर तक वहां हंगामा चला।इस बारे में जब रोडवेज के एआरएम बीके पांडे से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इन लोगों के हड़ताल का पूर्व से कोई नोटिस नही था न विभाग को कोई जानकारी दी गई थी। इसलिए इन लोग का हड़ताल सही नहीं था। यह लोग अन्य डिपो में हड़ताल की जानकारी पर इस तरह का प्रयास किए थे। लेकिन रोडवेज का संचालन चालू कर दिया गया है उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से रोडवेज के कर्मियों ने इस तरह का प्रयास किया गया था। लेकिन रोडवेज का संचालन पूरी तरह से कर दिया गया है।प्राइवेट बस एसोसिएशन के द्वारा भी आज सभी बसों के संचालक को ठप कर दिया गया गाजीपुर वाराणसी पर चलने वाले बस के ड्राइवर प्रताप यादव से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अमित शाह के द्वारा जो कानून लाया गया है वह ड्राइवर के हित में नहीं है ऐसे में जब तक इस कानून को वापस नहीं लिया जाएगा तब तक उनका यह आंदोलन जारी रहेगा।ट्रक आपरेटर एसोसिएशन के सचिव मनोज यादव ने भी बताया कि जो यह कानून लाया गया है वह ड्राइवर और ट्रक के मालिकों के हित में नहीं है ऐसे में उन लोगों के द्वारा सभी ट्रैकों को जगह-जगह रोक दिया गया है और इसके संचालन नहीं होने से सरकार के राजस्व पर बड़ा असर पड़ेगा

By ICN Network

Ankit Srivastav (Editor in Chief )

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