Report By : ICN Network
मोहर्रम के अवसर पर संभावित तनाव को देखते हुए प्रतापगढ़ जिले के कुंडा क्षेत्र में प्रशासन ने एहतियातन कार्रवाई करते हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री राजा भैया के पिता और भदरी कोठी के राजा उदय प्रताप सिंह सहित 13 लोगों को 40 घंटे के लिए नजरबंद कर दिया है। यह कार्रवाई पिछले कई वर्षों से मोहर्रम के मौके पर दोहराई जाती रही है।
शनिवार को तड़के पांच बजे से रविवार रात नौ बजे तक नजरबंदी के आदेश के साथ पुलिस टीम भदरी कोठी पहुंची। अपराध निरीक्षक संजय सिंह भारी पुलिस बल के साथ वहां पहुंचे और नजरबंदी की नोटिस को उदय प्रताप सिंह की मौजूदगी में उनके निवास पर चस्पा किया।
नजरबंद किए गए अन्य लोगों में नौबस्ता हथिगवां के जितेंद्र यादव, बढ़ईपुर कुंडा के आनंदपाल, शेखपुर कुंडा के उमाकांत, बदूपुर कुंडा के भवानी विश्वकर्मा, सुभाष नगर कुंडा के रवि सिंह और हनुमान प्रसाद पांडेय, प्रवेशपुर हथिगवां के केसरी नंदन, मियां का पुरवा के जमुना प्रसाद, बेती हथिगवां के निर्भय सिंह, लोहारन का पुरवा के गया प्रजापति, शाहपुर हथिगवां के जुगनू विश्वकर्मा, और प्रयागराज की पन्नालाल रोड के मोहनलाल शामिल हैं। इन सभी के घरों के बाहर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
विवाद की शुरुआत वर्ष 2012 में हुई थी, जब कुंडा के शेखपुरा गांव में मोहर्रम के दिन एक बंदर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद से मोहर्रम के दिन शेखपुर आशिक स्थित हनुमान मंदिर पर हनुमान चालीसा का पाठ और प्रसाद वितरण की परंपरा शुरू हो गई। पहले यह कार्यक्रम सीमित रूप में होता था, लेकिन 2015 में उदय प्रताप सिंह की निगरानी में यह आयोजन बड़े पैमाने पर किया गया।
उसी वर्ष प्रशासन ने मोहर्रम का जुलूस भी निकाला और भंडारा भी शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। लेकिन 2016 में प्रशासन ने भंडारे पर आपत्ति जताई, जिससे तनाव की स्थिति बनी। शेखपुर आशिक गांव से ताजिया न उठाने के कारण आसपास के लगभग डेढ़ दर्जन गांवों में भी ताजिया नहीं निकाली गई। इसी दौरान उदय प्रताप सिंह और उनके समर्थकों को नजरबंद किया गया था।
यह स्थिति हर साल दोहराई जाती रही है। मोहर्रम पर प्रशासन द्वारा एहतियातन की जाने वाली नजरबंदी अब सामान्य प्रक्रिया बन चुकी है, जिसमें राजा भैया के पिता को नियमित रूप से शामिल किया जाता है।