नोएडा के 30 हजार से ज्यादा बायर्स को मालिकाना हक मिल सकता है। दरअसल प्राधिकरण ने 13 बिल्डर को नोटिस जारी किए है। ये वो बिल्डर है जिनके मामले NCLT में चल रहे है। प्राधिकरण की शर्त है ,यदि बिल्डर NCLT और कोर्ट से केस वापस ले तो उनके बकाया का रि-शेड्यूल किया जा सकता है। ये रि-शेड्यूलमेंट अमिताभ कांत की सिफारिश के तहत किया जाएगा। इससे बायर्स की रजिस्ट्री का रास्ता साफ हो जाएगा।
ऐसे 17 प्रोजेक्ट NCLT में है। इसमें 25 से 30 हजार फ्लैट बायर्स है। जिनके पास कोर्ट के फैसले के इंतजार के अलावा कोई विकल्प नहीं है। यही नहीं स्पोर्ट्स सिटी पर भी नियम लागू नहीं है। यहां करीब 15 हजार फ्लैट बायर्स है। से सभी बायर्स सेक्टर-78,79,150, 152 के है। इस योजना में बिल्डर जब तक यहां खेल सुविधाओं का विकास नहीं कर लेते तब तक उनको ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट (OC) नहीं मिलेगा।
NCLT और कोर्ट केस में शामिल बिल्डरों पर 21 हजार करोड़ के आसपास बकाया है। इसमें पहले फेज में 8 हजार करोड़ रुपए के बकायादार बिल्डर को नोटिस जारी किया गया है। जिसमें तीन बिल्डर एटीएस, सुपरटेक और लॉजिक्स पर ही 7786 करोड़ का बकाया है।
नोएडा प्राधिकरण ने 13 रियल एस्टेट डेवलपर्स को 8,510.69 करोड़ रुपए से अधिक के बकाये के लिए नोटिस जारी किया है। इनको 15 दिन के अंदर प्राधिकरण को जवाब देना होगा। आप सभी लाभान्वित हो सकती हैं, यदि NCLT और कोर्ट से अपने मामले वापस लेते हैं।