• Fri. Jul 5th, 2024

UP-आगरा के पेठे की धार्मिक मान्यता, महाभारत काल से है पेठे का चलन

उत्तर प्रदेश के आगरा में जब आप जाएंगे तो यहां का सबसे मशहूर मिठाई है पेठा , आगरा के हर कौने पर पैठे की आपको दर्जनों दुकानें नजर आ जाएंगी । आगरा के अलावा भारतवर्ष में कहीं और इतना स्वादिष्ट पेठा तैयार नहीं होता है। पैठे की अपनी धार्मिक मान्यता के साथ-साथ आयुर्वेदिक मान्यता भी है।दरअसल पेठा कुष्मांडा फल से तैयार होता है इस फल का उल्लेख महाभारत में भी मिलता है और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि में कुष्मांडा देवी को प्रसन्न करने के लिए इस फल से तैयार पेठे का भोग लगाया जाता है।

इसके अलावा आगरा का मशहूर पेठा आयुर्वेदिक औषधि भी है। चरक संहिता ग्रंथ में इसका आयुर्वेदिक महत्व बताया गया है । पेठा बनाने के लिए सबसे पहले पेठे के फल को काटकर अलग-अलग छोटे-बड़े पीस में तैयार किया जाता है जिसके बाद पेठे को चुने के पानी में उबाला जाता है इसके बाद कई प्रकार की अलग अलग किस्मों के पेठे तैयार होते हैं आगरा पेठा एसोसियेशन के अध्यक्ष राकेश अग्रवाल ने बताया कि लगभग 47 प्रकार के पेठे मसलन अंगूरी पेठा, सादा पेठा, केसर पेठा , गिलोरी पत्ता , गुलाब लड्डू , पान पेठा , चॉकलेट पेठा जैसे कई आइटम आगरा में बनाए जाते हैं और इनको बनाने के लिए यमुना के पानी का इस्तेमाल होता है जिसके लिए यह दलील है कि जलवायु वातावरण के हिसाब से यमुना का पानी पेठा तैयार करने के लिए बिल्कुल मुफीद माना गया है । पेठे के फल की खेती यमुना के तराई वाले हिस्से में होती है जिसमें मैनपुरी शिकोहाबाद फिरोजाबाद और यमुना के किनारे के कई इलाके शामिल हैं कच्चे पैठे का स्वाद कसैला होता है जिसको आगरा में स्वादिष्ट पैठे के रूप में बनाया जाता है ।

By ICN Network

Ankit Srivastav (Editor in Chief )

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *