यूपी के गाज़ीपुर में एक हाथ में कुरान और एक हाथ में कंप्यूटर के ज्ञान की बात सरकार के द्वारा कही जा रही है। जिसको लेकर मदरसे की शिक्षा प्रणाली भी इसी नीति पर चलाई जा रही है। लेकिन प्रदेश में मदरसे में कार्यरत साइंस टीचर को मिलने वाले मानदेय को लेकर किसी भी तरह की गाइडलाइन नहीं है। जिसके चलते इनके मानदेय हमेशा बकाए रहते हैं। और मौजूदा समय की बात करें तो पिछले 5 से 6 महीने से इनका मानदेय बकाया चल रहा है। इस बात की जानकारी मदरसा के प्रबंधक ने आज अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के कार्यक्रम के दौरान बताया।
अल्पसंख्यक अधिकार दिवस जो प्रत्येक वर्ष 18 दिसंबर को मनाया जाता है। जिसको लेकर प्रदेश सरकार के द्वारा सभी मदरसों में अधिकार दिवस मनाने के साथ ही साथ विज्ञान से संबंधित प्रदर्शनी लगाई जाने का भी निर्देश दिया गया है। जिसको लेकर गाजीपुर के दारुल उलूम कादरिया टेढ़ी बाजार में अल्पसंख्यक अधिकार दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें छोटे-छोटे बच्चों ने विज्ञान प्रदर्शनी भी लगाया और एक से बढ़कर एक मॉडल प्रदर्शन किया और बताया कि किस तरह से उनका मॉडल कम कर रहा है।
एक तरफ सरकार के द्वारा जहां अल्पसंख्यक अधिकार दिवस की बात कही जाती है वहीं कहीं ना कहीं अल्पसंख्यकों के साथ वादा खिलाफी भी किया जा रहा है जिसका नजरा मदरसों में देखा जा सकता है कि सालों पूर्व मदरसों में साइंस टीचर की नियुक्ति की गई थी जिसका मानदेय केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार के द्वारा दिया जाना था जिसमें केंद्र सरकार के द्वारा दिए जाने वाला मानदेय को पहले ही खत्म कर दिया गया है वही उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा दिए जाने वाले मानदेय पिछले कई महीनो से बकाया चल रहे हैं जिसको लेकर मदरसा के प्रबंधकों ने सरकार के द्वारा दिए गए अधिकार पर अपनी नाराजगी भी व्यक्त किया जबकि इन्हीं साइंस टीचरों की मदद से आज अल्पसंख्यक अधिकार दिवस पर बच्चों के द्वारा विज्ञान प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया है।