नोएडा में डेटा सेंटर के बाद अब सेमी कंडक्टर चिप की इंडस्ट्री लगेंगी। इसके लिए जरूरी है कि नोएडा में सेमी कंडक्टर नीति 2024 को लागू किया जाए। इस नीति को बोर्ड मैंबर के सामने रखा जाएगा। प्रस्ताव को हरी झंडी मिलना तय है।इसके बाद जो भी निवेश नोएडा में सेमी कंडक्टर प्लांट लगाना चाहेगा उसे जमीन और पॉलिसी के तहत छूट भी दी जाएगी। इससे दो फायदे होंगे। पहला सेमी कंडक्टर चिप के लिए हमारी आत्मनिर्भरता दूसरे देशों से कम होगी ।
मौजूदा समय में ताइवान, चीन और अमेरिका की कंपनियां इन सेमीकंडक्टर की सबसे बड़ी निर्यातक हैं। इस नीति को जनवरी 2024 में यूपी कैबिनेट ने मंजूर किया। नोएडा प्राधिकरण आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग की ओर से अधिसूचित उत्तर प्रदेश सेमी कंडक्टर नीति 2024 को अपने जा रहा है।
इस नीति के लागू होने पर सेमी कंडक्टर बनाने वाली कंपनियों में निवेश कराया जाएगा। उनकी सुविधाओं का ख्याल रखा जाएगा। उक्त नीति के तहत जो भी दिशा निर्देश आएंगे उनका अनुपालन कराया जाएगा।
भारत में खपत की बात करें तो जानकारों के अनुसार 2030 से अकेले भारत में सेमीकंडक्टर की खपत 110 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगी। प्राधिकरण ने बताया कि न्यू नोएडा में इंडस्ट्री को लगाने के लिए जमीन मुहैया कराई जाएंगी। यहां बनने वाली चिप निर्यात भी की जाएंगी। यानी आत्मनिर्भरता के लिए ये बड़ा कदम होगा।
इन राज्यों के बाद नोएडा करेगा नीति को एडाप्ट गुजरात, ओडिशा और तमिलनाडु ने इसे लेकर नीति बनाई थी। यूपी चौथा राज्य है। जहां सेमी कंडक्टर नीति 2024 बनाई है। अब इस नीति को नोएडा एडाप्ट करेगा। माना जा रहा है इस नीति को एडाप्ट करने वाला नोएडा पहला शहर होगा।
पूरे पश्चिमी यूपी का विकास होगा। साथ ही न्यू नोएडा में इसके लिए बेहतर विकल्प भी होंगे। प्राधिकरण अधिकारी ने बताया कि नोएडा में लैंड बैंक कम है। लेकिन न्यू नोएडा बसने वाला शहर है। वहां सेमी कंडक्टर इंडस्ट्री बेहतर रोजगार के साथ राजस्व को बढ़ावा देंगी।
इसमें मोबाइल, कार, लैपटॉप से लेकर तमाम इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स में सेमीकंडक्टर का इस्तेमाल होता है। सिलिकॉन से बनी ये एक बेहद छोटी सी चिप होती है। जिसका प्रयोग हर इलेक्ट्रिक डिवाइस में किया जाता है। न आपको एटीएम से पैसा मिलेगा न ही फैक्ट्रियों में कोई प्रोडक्शन हो पाएगा।