• Sun. Jul 20th, 2025

सेंसेक्स तीसरे दिन भी लुढ़का: TCS के कमजोर नतीजों और ग्लोबल संकेतों से बाजार दबाव में, 690 अंकों की गिरावट के साथ बंद

Report By : ICN Network

बाजार ने लगातार तीसरे दिन गिरावट के साथ सप्ताह का समापन किया। शुक्रवार, 11 जुलाई को भारतीय शेयर बाजार वैश्विक संकेतों की कमजोरी और घरेलू आईटी क्षेत्र की भारी बिकवाली के चलते लाल निशान में बंद हुआ। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के अप्रैल-जून तिमाही नतीजे उम्मीदों से कमजोर रहे, जिसके कारण न सिर्फ TCS, बल्कि पूरे आईटी सेक्टर में दबाव देखने को मिला। इसका व्यापक असर दोनों प्रमुख इंडेक्स—सेंसेक्स और निफ्टी—पर भी पड़ा।

सेंसेक्स दिनभर के कारोबार में 82,442 के निचले स्तर तक फिसला और आखिरकार 690 अंकों की गिरावट के साथ 82,500 के करीब बंद हुआ। कुल मिलाकर यह 0.83% की कमजोरी दर्शाता है। निफ्टी-50 भी दिन की शुरुआत से ही कमजोर बना रहा और कारोबार के अंत में 205 अंकों की गिरावट के साथ 25,149 पर बंद हुआ, जिसमें 0.81% की गिरावट दर्ज हुई। खासकर निफ्टी आईटी इंडेक्स में 1.78% की गिरावट देखी गई, जो इस सेक्टर की खराब स्थिति को दर्शाता है।

TCS के शेयरों में 3% से अधिक की गिरावट आई, जो कि तिमाही नतीजों की निराशाजनक स्थिति को दर्शाता है। इन्फोसिस और अन्य आईटी कंपनियों में भी निवेशकों ने बिकवाली को प्राथमिकता दी। broader market की बात करें तो निफ्टी मिडकैप 100 और स्मॉलकैप 100 दोनों में लगभग 1% की कमजोरी रही, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि दबाव केवल ब्लू चिप शेयरों तक सीमित नहीं रहा।

आज के कारोबार में जिन कंपनियों पर सबसे ज्यादा दबाव देखा गया, उनमें TCS, महिंद्रा एंड महिंद्रा, भारती एयरटेल, HCL टेक, टेक महिंद्रा, टाटा मोटर्स, ट्रेंट, रिलायंस और HDFC बैंक शामिल रहीं। वहीं कुछ कंपनियों ने अच्छा प्रदर्शन किया—जैसे HUL, एनटीपीसी, पावर ग्रिड, एक्सिस बैंक और अदाणी पोर्ट्स। इसके अलावा टाटा एलेक्सी के शेयरों में भी तेज गिरावट देखी गई और यह 7.5% तक लुढ़क गया, जिससे इसके निवेशकों को भारी नुकसान हुआ।

अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से कनाडा से आने वाले उत्पादों पर 35% टैरिफ लगाने की घोषणा ने वैश्विक व्यापार में अनिश्चितता बढ़ा दी है। ट्रंप ने यह भी कहा है कि वे अधिकतर ट्रेडिंग पार्टनर्स पर 15–20% का ब्लैंकेट टैरिफ लगाने की योजना बना रहे हैं। हालांकि उन्होंने बढ़ती महंगाई और शेयर बाजार पर इसके असर को लेकर कोई चिंता नहीं जताई। इसका असर एशिया-पैसिफिक बाजारों पर भी दिखा, जहां अधिकांश इंडेक्स में मिला-जुला रुख रहा।

इस बीच अमेरिकी बाजारों में सकारात्मक रुख देखने को मिला। S&P 500 और Nasdaq ने नए रिकॉर्ड स्तर छुए, जबकि Dow Jones में भी मजबूती रही। इससे यह संकेत मिलता है कि वैश्विक स्तर पर अमेरिका की बाजार धारणा फिलहाल सकारात्मक बनी हुई है, लेकिन ट्रंप के टैरिफ फैसले का असर आने वाले हफ्तों में और स्पष्ट हो सकता है।

कुल मिलाकर, घरेलू बाजार की गिरावट ने निवेशकों को सतर्क कर दिया है। TCS जैसे दिग्गजों के खराब परिणामों ने सेक्टरल कमजोरी को उजागर किया है, और अगर वैश्विक नीतिगत फैसले जैसे टैरिफ युद्ध बढ़ते हैं, तो बाजार पर और दबाव बन सकता है।

By admin

Journalist & Entertainer Ankit Srivastav ( Ankshree)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *