अल-फलाह यूनिवर्सिटी और उससे जुड़े ट्रस्ट का आतंकियों से संभावित संबंध सामने आने के बाद फरीदाबाद से लेकर दिल्ली तक इसकी जांच जारी है। जामिया नगर स्थित ट्रस्ट के दफ़्तर पर अब तक दो बार टीम पहुंचकर पूछताछ कर चुकी है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए इलाके में पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई है।
लाल किले के पास हुए धमाके के बाद पड़ने वाले पहले जुमे के मद्देनज़र दिल्ली पुलिस भी पूरी तरह अलर्ट रही। राजधानी की सभी प्रमुख मस्जिदों, खासकर जामा मस्जिद में, इस आतंकी वारदात की कड़ी निंदा की गई और मुल्क में अमन-शांति की दुआएं मांगी गईं।
शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने जुमे की नमाज़ से पहले अपने संबोधन में साफ कहा कि आतंकवादियों और उनके सरगनाओं को न्याय के कटघरे तक पहुंचाने के लिए देश का नेतृत्व पूरी मजबूती से काम करेगा। उन्होंने लाल किले के सामने हुए हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि आतंकवाद किसी भी सभ्य समाज के लिए अस्वीकार्य है और इसकी कोई जगह नहीं हो सकती।
उन्होंने कहा कि देशभक्ति की भावना से भरी मुस्लिम कौम इस कठिन समय में अपने भारतीय भाइयों के साथ चट्टान की तरह खड़ी है। उन्होंने पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और कहा कि यह दर्द पूरे देश का सामूहिक शोक है।
शाही इमाम ने आगे कहा कि भारत के मुसलमान, विशेषकर कश्मीर के भाई-बहन, राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा के साथ मजबूती से खड़े हैं और आतंकवाद का दृढ़ता से विरोध करते हैं।
उधर, अबुल फज़ल स्थित जमात-ए-इस्लामी हिंद मुख्यालय की मस्जिद में उपाध्यक्ष एस. अमीनुल्लाह हसन ने अपनी तकरीर में मुसलमानों के सामाजिक और आर्थिक पिछड़ेपन से जुड़ा आंकड़ा प्रस्तुत किया। उन्होंने युवाओं को देशविरोधी ताकतों से सावधान रहने, उच्च शिक्षा पाने और कौशल विकसित करने पर जोर दिया।