Report By : ICN Network
राजनीतिक गलियारों में शरद पवार और अजित पवार के संभावित पुनर्मिलन को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं। हाल ही में दोनों नेताओं को एक साथ सार्वजनिक कार्यक्रमों में देखा गया, जिससे यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि चाचा-भतीजे की जोड़ी फिर से एक हो सकती है।
शिवसेना (शिंदे गुट) के वरिष्ठ नेता और मंत्री संजय शिरसाट ने बयान दिया कि शरद पवार की राजनीति अक्सर जोड़ने और तोड़ने की रही है, इसलिए इस बात की भविष्यवाणी करना मुश्किल है कि वे और अजित पवार कब साथ आ जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर ऐसा हुआ तो इसका सबसे बड़ा नुकसान उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) को हो सकता है।
हालांकि, एनसीपी (शरद पवार गुट) के अनिल देशमुख और अजित पवार गुट के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे ने इन अटकलों को खारिज कर दिया है। दोनों नेताओं ने साफ किया कि ऐसी कोई बातचीत या प्रस्ताव फिलहाल नहीं आया है।
इसके बावजूद शरद पवार का यह बयान कि पार्टी के कुछ लोग अजित पवार के साथ आने के पक्ष में हैं, राजनीतिक पृष्ठभूमि में हलचल बढ़ा रहा है। अब देखना यह है कि आने वाले समय में यह रिश्ते किस दिशा में जाते हैं और महाराष्ट्र की राजनीति को कैसे प्रभावित करते हैं।