Report By-Sayed Tariq Ahmad Bahraich(UP)
यूपी के बहराइच हिमालय की तलहटी में बसे यूपी के बहराइच जिले में पांडव कालीन मंदिरों की श्रृंखला में सिद्धनाथ पीठ दरबार की एक अलग और असीम आस्था है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार द्वापर युग में अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने शिवलिंग की स्थापना करके भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना की थी, जिस स्थल पर आज एक विशाल मंदिर विराजमान है, इस शिव मंदिर में हर सोमवार को भक्तों का सैलाब उमड़ता है। जहां दूर दूर से आने वाले भक्त अपनी तमाम मनोकामना की पूर्ति के लिये भगवान की चौखट पर अरदास लगाते हैं।
बहराइच शहर के बीचों बीच मौजूद इस पांडव कालीन सिद्धनाथ मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामना पूर्ण होती है,यहाँ शिव लिंग पर जल अभिषेक करने मात्र से आत्मा को बेहद सुकून मिलता है इस पांडव कालीन मंदिर में पांडवों के समय का बेल का पेड़ है जो आज भी हरा भरा है,यहाँ पर उसी काल का एक कुँआ भी है जो लोगो की आस्था का केंद्र रहता है , बहराइच के सिद्धनाथ मंदिर में आठ महामंडलेश्वर हो चुके है वर्तमान में महा मंडलेश्वर स्वामी रवि गिरि महाराज है और सारे महामंडलेश्वरों की प्रतिमा भी स्थापित है यहाँ जो भी महामंडलेश्वर होते है उन्हें पूरी तरह ब्रह्मचर्य जीवन यापन करना पड़ता है
बहराइच में स्थित सिद्धनाथ मंदिर ऐसी जगह पर विराजमान है जहाँ शिवरात्रि में भगवान भोलेनाथ को जलाभिषेक करने के लिये श्रद्धालु सरयू से जल लेकर बड़ी तादात में मंदिरों की तरफ बम बम भोले का जयकारा लगाकर जलाभिषेक के लिये जाते नजर आते हैं।