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UP-मिर्जापुर का किसान फूलों की खेती करके हो रहा मालामाल, फूलों की खुशबू से महक रहे खेत

यूपी के मिर्ज़ापुर में गेंदा के फूलों की खेती से बदली यूपी के इस गांव की किस्मत 3 महीने में इतनी होती है कमाई
प्राचीन काल से प्रचलित इस कहावत को आज यूपी के मिर्जापुर जनपद के किसान सफल कर रहे हैं। दरअसल जमाने के अनुसार यहां के किसान भी अब अपनी खेती का ट्रेंड बदलने लगे हैं। अब वे परंपरागत फसलों के साथ ही नकदी फसलों की खेती भी बड़े पैमाने पर कर रहे हैं और उससे अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।

भारत गांवों का देश है,यहां लोग अच्छी फसल की पैदावार को अपनी किस्मत मानते हैं. खेती किसानी को लेकर गांवों में अनुभवी लोग एक कहावत कहते हैं कि उत्तम खेती मध्यम बान, अधम चाकरी, भीख निदान।अर्थात उत्तम खेती (कृषि कार्य)हमारे समाज में सर्वोत्तम कार्य है, माध्यम बान( व्यापार) व्यापार को मध्यम स्तर का कार्य कहा गया है। चाकरी माने नौकरी को निकृष्ट कार्य कहा गया है इसे भिखारी की तरह भीख मांगने जैसी संज्ञाएं हमारे बुजुर्ग देते आये हैं।

प्राचीन काल से प्रचलित इस कहावत को आज यूपी के मिर्जापुर जनपद के किसान सफल कर रहे हैं। दरअसल जमाने के अनुसार यहां के किसान भी अब अपनी खेती का ट्रेंड बदलने लगे हैं. अब वे परंपरागत फसलों के साथ ही नकदी फसलों की खेती भी बड़े पैमाने पर कर रहे हैं और उससे अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।

यहां होता हैं इस्तेमाल
आपने शादी, त्‍योहार समेत ज्‍यादातर शुभ मौकों पर गेंदे के फूलों का इस्‍तेमाल होते हुए देखा होगा।ये फूल सजावट में तो काम आता ही है।इसमें विटामिन सी भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है।इसके रस का इस्तेमाल त्‍वचा से जुड़ी कई समस्‍याओं के इलाज में भी काम आता है. वहीं, कई गंभीर रोगों की दवाएं बनाने में भी इसका इस्‍तेमाल होता है। इसी गेंदे के फूल की खेती करके मिर्जापुर में छानबे ब्लॉक के नदना कला (विजयपुर) गांव के ज्यादातर किसान लाखों की कमाई कर रहे हैं।

वाराणसी से मंगाते हैं पौधा
गेंदा के फूल की खेती करने वाले किसान

रघुवीर बिंद बताते हैं कि हम लोग वाराणसी से पौधा मंगाते हैं. खेतों में पौधा लगाकर खाद देकर ससमय उसकी सिंचाई की जाती है. जिसके बाद 3 माह में फूल तैयार हो जाता है,जिसकी कटिंग कर बाजारों में बेच दिया जाता है।उन्होंने बताया कि नदना कलां गांव के सैकडों किसान दशकों से गेंदा के फूल की खेती करते आ रहे हैं. सबसे खास ये है कि ये इस गांव के सशक्तिकरण के लिए भी एक बड़ा माध्यम बनता जा रहा है।
सालाना इतनी होती हैं कमाई
किसान कपूर चंद ने बताया कि एक बीघे में गेंदा के फूल की खेती करने में 20 से 25 हजार की शुरुआती लागत आती है. खेत में लगभग 3 महीने में पौधा तैयार हो जाता है, इसके बाद फूल की कटिंग करके हम लोग इसे प्रयागराज मंडी में ले जाकर बेचते हैं. वहीं, किसान रमाकांत पाल ने बताया कि एक बीघे की खेती में हमने फूल लगाया है. हमारी आमदनी का यही जरिया है।रमाकांत ने कहा कि एक बीघे से हम सालाना 4 से 5 लाख आसानी से कमा लेते हैं।

By admin

Journalist & Entertainer Ankit Srivastav ( Ankshree)

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