Report By : ICN Network
मुंबई के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। दक्षिण मुंबई में पुनर्निर्मित करनाक रोड ओवर ब्रिज (ROB) को अब आधिकारिक तौर पर ‘सिंदूर ब्रिज’ नाम दिया गया है। इस नए नामकरण की घोषणा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को पुल के उद्घाटन के मौके पर की।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि यह नाम भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को समर्पित है, जिसमें सेना ने पाकिस्तान के भीतर आतंकी ठिकानों को नष्ट कर असाधारण साहस और रणनीतिक चातुर्यता का परिचय दिया था। उनके अनुसार, सिंदूर ब्रिज का नाम हमारे सशस्त्र बलों को सम्मान देने की दिशा में एक प्रतीकात्मक लेकिन महत्वपूर्ण कदम है।
यह ऐतिहासिक पुल पहले ‘करनाक बंदर ब्रिज’ के नाम से जाना जाता था, जिसे ब्रिटिश राज के दौरान बंबई के पूर्व गवर्नर जेम्स रिवेट करनाक (1839–1841) के नाम पर नामित किया गया था। तीन साल पहले इसकी जर्जर स्थिति के कारण इसे तोड़कर नए पुल के निर्माण की प्रक्रिया शुरू की गई थी।
अब यह नया पुल, जिसे बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने निर्मित किया है, पूरी तरह तैयार हो चुका है। यह पुल मुंबई CSMT और मस्जिद स्टेशनों के बीच स्थित है और मध्य रेलवे की पटरियों के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों को जोड़ता है। इसके फिर से चालू होने से दक्षिण मुंबई के दोनों हिस्सों में यातायात के दबाव को कम करने में मदद मिलेगी।
BMC के अनुसार, 328 मीटर लंबा यह नया पुल पूरी तरह मध्य रेलवे द्वारा अनुमोदित डिज़ाइन के अनुसार बनाया गया है। इसमें 70 मीटर का रेल सीमा क्षेत्र, दो ओर 230 मीटर की सड़कें, और दो विशाल स्टील गर्डर शामिल हैं—हर एक 70 मीटर लंबा, 26.5 मीटर चौड़ा और 10.8 मीटर ऊंचा, जिसका वजन 550 मीट्रिक टन है। यह संरचना कंक्रीट के मजबूत स्तंभों पर टिकी है।
सिंदूर ब्रिज के शुरू होने से वालचंद हीराचंद मार्ग, शहीद भगत सिंह रोड, यूसुफ मेहर अली रोड, मोहम्मद अली रोड और सरदार वल्लभभाई पटेल रोड जैसे महत्वपूर्ण रास्तों पर यातायात में उल्लेखनीय सुधार आने की उम्मीद है। यह न केवल एक आवागमन को सुगम बनाने वाला पुल है, बल्कि राष्ट्र की सैन्य शक्ति को सम्मान देने वाला एक प्रतीक भी बन चुका है।