Report By : ICN Network
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच आज यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) कार्यालय में हुई वार्ता सकारात्मक रही। बैठक में गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी की अध्यक्षता में यमुना प्राधिकरण, नोएडा प्राधिकरण और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। किसानों की मांगों पर विस्तार से चर्चा हुई, जिसमें पुराने भूमि अधिग्रहण कानून के तहत प्रभावित किसानों को 10% विकसित प्लॉट और बढ़ा हुआ मुआवजा देने की मांग प्रमुख रही। साथ ही, 2013 में लागू नए भूमि अधिग्रहण कानून के तहत अधिग्रहित जमीन के लिए बाजार दर का चार गुना मुआवजा, 20% विकसित प्लॉट और प्रभावित परिवारों के बच्चों को रोजगार तथा पुनर्वास के लाभ देने पर भी बातचीत हुई।
बैठक में कई अहम बिंदुओं पर सहमति बनी। लंबे समय से किसानों की यह मांग रही है कि अधिग्रहण से प्रभावित किसानों को मिलने वाले पुनर्वास और प्रतिकर के लाभ सीधे बैनामे से जमीन खरीदने वाले किसानों को भी मिलने चाहिए। इस पर प्रशासनिक अधिकारियों ने सहमति जताई और समान मुआवजा, रोजगार तथा पुनर्वास भत्ता देने का आश्वासन दिया। इससे किसानों में न्याय मिलने की उम्मीद जगी है। इसके अलावा, पिछले 11 वर्षों से लंबित कृषि, आवासीय और व्यावसायिक भूमि की सर्किल दरों को तत्काल बढ़ाने की मांग पर भी सहमति बनी, और जिलाधिकारी ने एक सप्ताह के भीतर सर्किल रेट बढ़ाने की घोषणा करने का भरोसा दिलाया।
आबादी लीज बैक मामलों को जल्द निपटाने का भी आश्वासन दिया गया। साथ ही, 10% विकसित प्लॉट और नए भूमि अधिग्रहण कानून के सभी लाभों को लेकर शासन स्तर पर वार्ता करने का समय तय किया गया। विभिन्न परियोजनाओं से जुड़े मामलों पर 23 मार्च को जिलाधिकारी के आवास पर, 24 मार्च को यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण, 25 मार्च को नोएडा प्राधिकरण, 26 मार्च को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और 28 मार्च को मुख्य सचिव औद्योगिक विकास अनुभाग से बातचीत होगी। इसके बाद, 10 से 20 अप्रैल के बीच मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश के साथ संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होगी।
संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से शासन स्तर की वार्ताओं में विधायकों, लोकसभा और राज्यसभा सांसदों को भी आमंत्रित करने की मांग की गई। सभी वार्ताओं के तय समय पर होने के आश्वासन के बाद, धरना स्थल पर किसानों ने सर्वसम्मति से धरना स्थगित करने की घोषणा की।