Report By-Ganesh Kumar Sonbhadra (UP)
यूपी के सोनभद्र के बाल रोग विशेषज्ञ सर्दी के बढ़ते ही मासूम बच्चों को मौसमी बुखार, सर्दी,खांसी, जुकाम जैसी बीमारी की वजह से निजी अस्पताल हो या फिर सरकारी अस्पताल ही क्यों ना हो लगातार अस्पतालों में बीमार बच्चों की भरमार हैं। इसे लेकर नेशनल हास्पिटल का डाक्टर से बात किया गया तो उन्होंने कहा कि सर्दी जुकाम में आम बीमारी है जो मौसम बदलने के बाद होती है। इसे इस वायरल राइनाइटिस कहते हैं यह वायरस द्वारा दूषित होती है और बच्चों में फैलती है। सर्दी जुकाम वाला रोग एक दूसरे के संपर्क से होता है अगर सर्दी जुकाम वाले बच्चों के संपर्क में आएंगे तो यह बीमारी होगी।
बचाव को लेकर बताया कि पेरेंट्स बच्चों के फेस पर किस न करें, बच्चों को एक जगह से दूसरे जगह का स्थानांतरण कम करें। निमोनिया एक अलग बीमारी है जब स्वास का सिस्टम है और ऊपर का, लोवर में जब इंफेक्शन होता है तो निमोनिया होती है और यह बहुत ही घातक बीमारी होती है। इसकी मरीज भी कम मिलते हैं। पब्लिक में थोड़ा सा भी बच्चों का सास चला तो लोग कहते हैं निमोनिया हो गई यह निमोनिया नहीं बल्कि उसके जैसे बीमारी होती है।
मौसम बदलते ही बच्चे निमोनिया सर्दी जुकाम के शिकार हो रहे हैं बच्चों का कैसे बचाव किया जाए ताकि बच्चे स्वस्थ रहे। इसे लेकर नेशनल हास्पिटल के डॉक्टर आरपी सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि सर्दी जुकाम में आम बीमारी है जो मौसम बदलने के बाद होती है। इसे इस वायरल राइनाइटिस कहते हैं यह वायरस द्वारा दूषित होती है और बच्चों में फैलती है। सर्दी जुकाम वाला रोग एक दूसरे के संपर्क से होता है अगर सर्दी जुकाम वाले बच्चों के संपर्क में आएंगे तो यह बीमारी होगी। बचाव को लेकर बताया कि पेरेंट्स बच्चों के फेस पर किस न करें, बच्चों को एक जगह से दूसरे जगह का स्थानांतरण कम करें। निमोनिया एक अलग बीमारी है जब स्वास का सिस्टम है और ऊपर का उसे अपर वेयर ए कहते है। लोवर एयर में जब इंफेक्शन होता है तो निमोनिया होती है और यह बहुत ही घातक बीमारी होती है। इसकी मरीज भी कम मिलते हैं। पब्लिक में थोड़ा सा भी बच्चों का सास चला तो लोग कहते हैं निमोनिया हो गई यह निमोनिया नहीं बल्कि उसके जैसे बीमारी होती है, इसे एलर्जी भी कहते है।