दिल्ली में बिजली आपूर्ति की तरह जल आपूर्ति व्यवस्था भी निजी हाथों में सौंपने की तैयारी है। इसके लिए दिल्ली जल बोर्ड को आठ जोन में विभाजित किया जाएगा। प्रत्येक जोन में जल व सीवेज प्रबंधन के लिए निजी आपरेटर तैनात किए जाएंगे। उनकी जिम्मेदारी पेयजल आपूर्ति व सीवर लाइन का रखरखाव, गैर राजस्व जल में कमी और उपभोक्ताओं से बिल वसूलने की जिम्मेदारी होगी। दिल्ली में उपलब्ध जल में से लगभग 50 प्रतिशत या तो बर्बाद हो रहा है या चोरी। इसे गैर राजस्व जल कहा जाता है। इस समस्या के समाधान के साथ ही उपभोक्ताओं को स्वच्छ जल उपलब्ध कराना दिल्ली जल बोर्ड के सामने बड़ी चुनौती है। राजधानी के कई क्षेत्र में पानी की किल्लत, दूषित पेयजल आपूर्ति व सीवर की समस्या रहती है। जल बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली में बिजली आपूर्ति की स्थिति खराब थी।
वर्ष 2002 में बिजली वितरण निजी कंपनियों को सौंपने के बाद बिजली चोरी में कमी आने का साथ ही आपूर्ति भी सुधरी है।