। जेवर कस्बे और उसके आसपास के क्षेत्रों में पहले से खराब सड़कों का वर्षा के बाद बुरा हाल हो गया है। इन सड़कों से निकलने वाले दर्जनों गांव के हजारों को लोग को प्रतिदिन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शिकायतों के बाद भी जिम्मेदार विभाग इन मार्गों को सही कराना तो दूर सड़कों में बने गढ्ढों को पत्थर और रोड़ी डालकर भरवाना तक उचित नहीं समझ रहे। जिसकी वजह से लगातार समस्या बढ़ती जा रही है। जेवर में ज्यादातर गांव को मुख्य मार्ग से जोड़ने वाले संपर्क मार्गों को लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने मार्च से जून के बीच रिपेयर कराया था। खराब गुणवत्ता के चलते तीन माह के भीतर ही टूटना शुरू हो गए। जेवर कानीगढ़ी, जेवर शमशमनगर, जेवर खुर्जा मार्ग से बनवारीवास, थोरा, धनसिया दस्तमपुर को जोड़ने वाले संपर्क मार्गों में जगह-जगह गढ्ढे हो गए हैं। वहीं, सिंचाई विभाग के द्वारा बनाए गए यमुना पुश्ता रोड की सड़क सैकड़ों जगह धंस जाने से पुश्ता रोड में बड़े-बड़े गढ्ढे बन गए हैं। सिंचाई विभाग के ही सबौता रजवाहे की रामनेर से दयानतपुर तक और नीमका से सिवारा तक पटरी पर बनी सड़क पूरी तरह से टूट चुकी है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधीन (एनएचएआई) आने वाले मार्ग जेवर पलवल और जेवर से एयरपोर्ट जाने वाले मार्ग का बुरा हाल है। इस मार्ग में बने गढ्ढों से होकर एयरपोर्ट निर्माण सामग्री लाने वाले वाहन और एयरपोर्ट पर काम करने वाले हजारों श्रमिकों का दिनरात आना जाना लगा रहा है लेकिन एनएचएआई को इस मार्ग की सुध नहीं है
हाल ही में मेरठ में मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक के दौरान एक-एक सड़क को लेकर सभी विधायकों के साथ चर्चा की थी। बैठक में जेवर की सड़कों के चौड़ीकरण, नवीनीकरण, सुदृढ़ीकरण करवाये जाने की कार्ययोजना स्वीकृत हो गई है।