सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नोएडा प्राधिकरण ने यूनिटेक परियोजना के तीन भूमि पार्सल के लेआउट को मंजूरी दे दी । बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक साल पुराने आदेश को संशोधित किया। जिसमें उसने नोएडा प्राधिकरण को निर्देश दिया था कि वह यूनिटेक को आवंटित पूरी जमीन पर संशोधित ले आउट योजनाओं को मंजूरी बिना बकाया वसूली के दे। यूनिटेक पर करीब 11 हजार करोड़ रुपए का बकाया है।
26 अप्रैल को अपने नए आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण को बकाया राशि पर जोर न देने के अलावा यूनिटेक को दी गई कुल भूमि को दो खंडों में विभाजित किया। एक जहां घर खरीदारों को फ्लैट और प्लॉट आवंटित किए गए हैं। दूसरा जहां परियोजनाएं अभी बाकी हैं लॉन्च होनी है। प्राधिकरण को पहले खंड के ले आउट को मंजूरी देने का निर्देश दिया गया था। जहां परियोजनाएं 31 मई तक लॉन्च की गई थीं।
अप्रैल के आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने खाली भूमि पार्सल के बारे में नोएडा प्राधिकरण की चिंताओं पर विचार किया। प्राधिकरण चाहता था कि यूनिटेक समूह खाली भूमि को वापस कर दे। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि खाली ज़मीन पर बाद में निर्णय लिया जाएगा। ये मामला बकाया राशि, सरकार द्वारा नियुक्त बोर्ड और शीर्ष अदालत में चल रहे एक अन्य मामले की सुनवाई के बाद तय किया जाएगा। पिछले साल फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने प्राधिकरण को बकाया राशि पर जोर दिए बिना यूनिटेक परियोजनाओं के संशोधित नक्शा को मंजूरी देने का निर्देश दिया था।