Report By : Ankit Srivastav, ICN Network
आज जगन्नाथ रथयात्रा एक पारम्परिक उत्सव है। यह एक प्राचीन एवं विशाल हिन्दू उत्सव है। इस उत्सव में भगवान श्री जगन्नाथ बलदेव एवं देवी सुभद्रा के विग्रह मन्दिर से बाहर आते हैं और भक्तों पर अपनी अहैतुकी कृपा बरसाने हेतु रथ पर आरूढ़ होकर शहर का भ्रमण करते हैं। वैसे तो रथयात्रा की जड़ें आदिकाल से जुड़ी हुई हैं जब द्वापर के अन्त में भगवान श्रीकृष्ण को वृन्दावन की गोपियाँ एक विशाल रथ पर बैठाकर अपने हाथों से खींचकर कुरुक्षेत्र से वृन्दावन ले गईं थीं। कालान्तर में यह उत्सव पुरी (उड़ीसा) का एक प्रमुख उत्सव बन गया जिसमें जगन्नाथ बलदेव एवं देवी सुभद्रा रथ पर आसीन होकर अपनी मौसी के घर गुंडीचा मन्दिर तक जाते हैं।
इस्कॉन में इसका प्रारम्भ स्वयं इस्कॉन के संस्थापकाचार्य श्रील प्रभुपाद ने वर्ष 1967 में सेन फ्रांसिस्को में किया, जहाँ भगवान श्री जगन्नाथ बलदेव एवं देवी सुभद्रा के विग्रहों को विशाल सुसज्जित रथ पर बिठाकर पूरे सेन फ्रांसिस्को का भ्रमण कराया गया। यह प्रथम बार था जब विदेश में जगन्नाथ रथयात्रा का आयोजन किया गया। उसके पश्चात से जन सामान्य को भगवान की कृपा पहुँचाने हेतु इस्कॉन विश्व भर के देशों में कईं रथयात्राओं का आयोजन कर चुका है, जिससे पूरे विश्व भर में धर्म का प्रचार हो रहा है एवं लोग भगवान की कृपा प्राप्त कर रहे हैं।
इसी परम्परा का अनुगमन करते हुए इस्कॉन नोएडा नें रविवार दिनाँक, 07 जुलाई 2024 को श्रील प्रभुपाद के प्रिय शिष्य श्रीमन लोकनाथ स्वामी महाराज की अगुवाई मे भगवान जगन्नाथ रथयात्रा का भव्य आयोजन किया। रथयात्रा का आरम्भ सांय 4 बजे नोएडा सेक्टर-18 स्थित गुरुद्वारे से हुआ। रथयात्रा के लिए इस्कॉन के ही इंजिनियर भक्तों द्वारा निर्मित 40 फ़ीट लम्बे तथा लगभग 30 फ़ीट ऊँचे रथ का प्रयोग किया गया। पूरी तरह से यन्त्रचालित रथ की ऊँचाई को सुविधानुसार घटाया अथवा बढ़ाया जा सकता था। इस विशेष रथ को विभिन्न प्रकार के फूलों, मालाओं, पत्तियों, गुब्बारों और रंगीन रिबन आदि से सजाया गया था।
रथयात्रा प्रारम्भ होने से पूर्व भगवान को 56 भोग अर्पित किए गए जिसमे विभिन्न प्रकार के देशी-विदेशी व्यंजन सम्मिलित थे। उसके बाद भगवान की महाआरती की गई तथा जोरदार कीर्तन के साथ रथयात्रा का शुभारम्भ हुआ। भगवान का रथ खींचने के लिए 40-40 मीटर की 2 रस्सियों का उपयोग किया गया। भगवान के सुन्दर रथ को एक रस्सी से पुरुष भक्तों द्वारा खींचा जा रहा था तो वहीं दूसरी रस्सी की कमान महिला भक्तों ने संभाल रखी थी। भक्तों का उत्साह देखते ही बनता था। पूरे मार्ग में जय जगन्नाथ – जय जगन्नाथ का उद्घोष होता रहा। भक्तगणों की दो टोलियाँ पूरे रास्ते में हरे कृष्ण महामन्त्र का कीर्तन करती रहीं जिसपर भक्त नाचते गाते हुए चल रहे थे। मार्ग में आने वाले सभी भक्तों ने अत्यन्त प्रेमपूर्वक श्रद्धा के साथ भगवान के दर्शन किया, रथ को खींचा एवं भगवान के प्रसाद को स्वीकार किया। अट्टा मार्केट, सब मॉल, डी एम चौक, सेक्टर-20, 21, 25, 26 चौक तथा अडोब चौक होते हुए सांय 7 बजे इस्कॉन नोएडा मन्दिर में इसका समापन हुआ। रथयात्रा के समापन पर भक्तों ने इस्कॉन मन्दिर में भरपेट डिनर प्रसादम ग्रहण किया। इस रथयात्रा मे देश-विदेश के लगभग 5000 भक्त सम्मिलित हुए। विशेष रूप से उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती बिमला बाथम जी एवं लाल बहादुर शास्त्री गन्ना विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्रीमान नवाब सिंह नागर जी इस रथयात्रा में प्रमुख अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए। रथयात्रा में आए हुए श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए नोएडा अथॉरिटी एवं नोएडा पुलिस का विशेष योगदान रहा। कुल मिलाकर रथयात्रा अत्यन्त उत्साहपूर्वक एवं आनन्दमय ढंग से सम्पन्न हुई।