शिक्षा और नेतृत्व कौशल पर जोर
समापन समारोह में आईटीबीपी के डीआईजी नरेंद्र सिंह ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासी युवा भारत के विकास में एक नई क्रांति ला सकते हैं यदि वे शिक्षा, तकनीकी दक्षता और नेतृत्व कौशल को अपनाएं। उन्होंने महिला सशक्तिकरण के महत्व को समझाते हुए सावित्रीबाई फुले और डॉ. भीमराव अंबेडकर जैसे महान नेताओं के योगदान को रेखांकित किया और युवाओं को उनके विचारों से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। उन्होंने बिरसा मुंडा के संघर्षों का उदाहरण देते हुए कहा कि अपनी संस्कृति और परंपराओं को पहचानकर ही आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ा जा सकता है। उन्होंने युवाओं को लगातार सीखने और व्यक्तिगत विकास पर ध्यान देने के लिए प्रेरित किया। इसके अलावा, उन्होंने आईटीबीपी द्वारा छत्तीसगढ़ और अन्य आदिवासी क्षेत्रों में किए जा रहे विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए शिक्षा और मुख्यधारा में जुड़ने की अपील की।युवाओं के लिए सरकार की योजनाओं पर जानकारी
इस अवसर पर नेहरू युवा केंद्र, गौतमबुद्धनगर की जिला युवा अधिकारी स्निग्धा सिंह ने युवा सशक्तिकरण के लिए भारत सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने माय भारत पोर्टल, विकसित भारत यूथ पार्लियामेंट, डिजिटल कृषि मिशन जैसे अभियानों में युवाओं की भागीदारी के महत्व को समझाया। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे न केवल इन अभियानों में भाग लें, बल्कि अपने समुदायों में इन पहल को आगे बढ़ाएं।राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भागीदारी
द्रोणाचार्य ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स की एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ. ममता भारद्वाज ने राष्ट्र निर्माण में जनजातीय युवाओं की भूमिका पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि युवा अपनी नेतृत्व क्षमताओं को पहचानें और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए आगे आएं। उन्होंने युवाओं के साथ संवाद करते हुए सवाल-जवाब सत्र के माध्यम से उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया और उन्हें नए अवसरों और संभावनाओं के बारे में बताया।युवा शक्ति और सामाजिक परिवर्तन
इस कार्यक्रम में स्वामी विवेकानंद यूथ अवार्ड विजेता अमन कुमार ने अपने सामाजिक कार्यों के अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि युवा शक्ति समाज में बदलाव लाने की क्षमता रखती है और छोटे-छोटे प्रयासों से भी बड़े परिवर्तन संभव हैं। उन्होंने युवाओं को अपने समुदाय में सकारात्मक परिवर्तन लाने और नेतृत्व करने के लिए प्रेरित किया।स्वच्छ भारत अभियान और डिजिटल जागरूकता
कार्यक्रम के दौरान युवाओं ने स्वच्छ भारत अभियान की शपथ ली और स्वच्छता अभियान का संचालन किया। इस पहल का उद्देश्य केवल पर्यावरण की सफाई नहीं, बल्कि विचारों और कार्यों की शुद्धता को भी बढ़ावा देना था। इसके साथ ही, युवाओं ने माय भारत पोर्टल की जागरूकता बढ़ाने के लिए मानव श्रृंखला का आयोजन किया, जिससे डिजिटल सहभागिता को प्रोत्साहित किया गया।