आपको बता दें कि उत्तराखंड विधानसभा में पेश हुए UCC बिल पर उत्तराखंड भाजपा विधायक शिव अरोड़ा ने कहा कि यह हमारे लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। UCC से बड़ी खुशी क्या हो सकती है? यह लोगों को समान अधिकार देता है। मुख्यमंत्री धामी ने आज इसकी शुरुआत की है। बताते चले कि बिल पेश होने से पहले सीएम धामी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा था कि लंबे समय से इस बिल इसकी प्रतीक्षा थी। UCC बिल में क्या-क्या है?
बिल में विवाह पर सभी धर्मों में एक समान व्यवस्था होगी.
बहुविवाह पर रोक का प्रस्ताव रखा गया है.
बहुविवाह को मंजूरी नहीं दी जाएगी.
सभी धर्म के लोगों को शादी का पंजीकरण कराना होगा.
लड़कियों के लिए शादी की उम्र 18 साल
लड़कों के लिए शादी की उम्र 21 साल
सभी धर्म के लोगों में बच्चों को गोद लेने का अधिकार की वकालत की गई है.
मुसलमानों में होने वाले इद्दत और हलाला पर रोक लगे.
लिव-इन रिलेशनशिप रहने पर इसकी जानकारी अपने माता-पिता को देनी जरूरी होगी.
सभी धर्मों में तलाक को लेकर एक समान कानून और व्यवस्था हो.
पर्सनल लॉ के तहत तलाक देने पर रोक लगाई जाए.
बेटी को विरासत में बराबरी का हक.