वहीं वीडियो के आधार पर अब चारों पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई है। थाना लोनी बॉर्डर के इंस्पेक्टर, चौकी इंचार्ज, सब इंस्पेक्टर और सिपाही के खिलाफ थाने के SSI की तरफ से आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा लिखा गया है। मामले में चारों पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। ये है पूरा मामला…
बता दें ये मामला थाना लोनी बॉर्डर क्षेत्र के एक मोहल्ले का है। यहां के रहने वाले एक युवक की पत्नी ने केस दर्ज कराया था। पत्नी के अनुसार, उसके पड़ोसी रामपाल का भांजा रॉबिन आए दिन उससे छेड़छाड़ करता है। मना करने पर मारपीट की जाती है। शिकायती पत्र में महिला ने बताया है कि मैं एक दिन दुकान से दूध लेकर घर आ रही थी इसी दौरान रॉबिन ने मुझे गलत तरीके से छुआ। मुझ पर गंदे कमेंट किए। मैं भागकर घर आई और पति को सारी बात बताई। जिसके बाद मेरे पति ने रामपाल से इसकी शिकायत की। इस पर रामपाल ने विवाद किया। कहा कि यहां रहना है तो रहो, नहीं तो घर छोड़ दो। हमने विरोध किया तो रामपाल और रॉबिन ने अपने परिवार संग मारपीट शुरू कर दी। मेरे पति का हाथ तोड़ दिया। हमने 25 दिसंबर को केस दर्ज कराया, लेकिन पुलिस आरोपियों पर कार्रवाई नहीं कर रही थी। उल्टा हमें ही धमकाया जा रहा था। आरोपियों को धमकाया
कार्रवाई नहीं होने से नाराज पति 1 जनवरी को थाने पहुंचा। आरोपियों पर कार्रवाई न होने की शिकायत की, तो उससे अभद्रता की गई। जिसके बाद युवक बाहर आया और थाने के सामने खुद पर तेल छिड़कर आग लगा ली। पुलिसवालों ने किसी तरह आग बुझाई और उसे गंभीर हालत में जिला अस्पताल लेकर गए। यहां से उसे गुरु तेग बहादुर अस्पताल रेफर कर दिया गया। जहां 9 दिन बाद बीते मंगलवार यानी 9 जनवरी देर शाम को दम तोड़ दिया।

इस मामले में एसीपी अंकुर विहार रवि प्रकाश सिंह का कहना है कि पुलिस को एक वीडियो मिला था, जो गुरु तेग बहादुर अस्पताल में बनाया गया था। युवक के आरोपों के मुताबिक, थाना अध्यक्ष लोनी बॉर्डर डॉक्टर रामसेवक सिंह, चौकी इंचार्ज लोनी बॉर्डर रमन मावी, दरोगा सलीम और एक सिपाही के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज किया गया है। साथ ही चारों पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है।