Report By : Ompal singh , Rampur (UP) :
Rampur : सपा नेता आज़म कहाँ की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं , उनपर फिर रामपुर प्रशासन ने एक और बड़ा एक्शन लिया है। आजम खान के रामपुर में स्थित दारुल अवाम दफ्तर को सील किया गया है। इसके आलावा भी रामपुर के समाजवादी पार्टी कार्यालय को भी ताला लगाया गया है। सपा कार्यालय से सपा नेताओं को बाहर निकाला गया है। इस मामले को लेकर रामपुर एएसपी ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा अधिकारी की तरफ से यह ताला लगाया गया है। रामपुर पब्लिक स्कूल और दारुल अवाम स्कूल पर ताला लगाया है। शिक्षा विभाग की टीम ने विवादित परिसर खाली कराया।
जिला प्रशासन की टीम का नेतृत्व कर रहे एडीएम लालता प्रसाद शाक्य और एएसपी डा संसार सिंह ने पुलिस दल बल के साथ कब्जा खाली कराने की कार्यवाही की, यह कार्रवाई भारी पुलिस बल की मौजूदगी में की गई, जिसमें अपर जिलाधिकारी (एडीएम), प्रशासन लालता प्रसाद शाक्य व अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) संसार सिंह मौजूद रहे। दोनों संपत्तियों को सील कर दिया गया है।
जिला विद्यालय निरीक्षक ने रामपुर में समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता आजम खान के मौलाना मुहम्मद अली जौहर ट्रस्ट के कब्जे वाले एक भवन को खाली करने का नोटिस दो नवंबर को जारी किया था।
वहीं सपा के शासन काल में आजम खान को 100 रुपये साल के हिसाब से 41 हजार वर्ग फुट जगह माध्यमिक शिक्षा विभाग से लीज पर मिली थी| इसका उद्देश्य था आजम खान के जौहर यूनिवर्सिटी निर्माण के लिए मौहम्मद अली जौहर ट्रस्ट को एक ऑफिस की जरुरत थी| उस ऑफिस को खोलने के लिए आजम खान ने समाजवादी पार्टी की सरकार के समय लीज पर ली थी| इसके लिए 100 रुपये सालाना के हिसाब से दो लीज लिखी गई थी, जिसमें एक लगभग 16 हजार वर्ग फुट की लीज थी और दूसरी 25 हजार वर्ग फुट जमीन की लीज थी, दोनों जमीनें आपस में मिली हुई हैं| जिसमें रामपुर पब्लिक स्कूल और सपा का दफ्तर संचालित हो रहा था |
यूपी सरकार ने नियम और शर्तों का उल्लंघन करने के आरोप में आजम खान के मौहम्मद अली जौहर ट्रस्ट की दोनों लीजों को निरस्त कर दिया था| उसके बाद आज पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी में संपत्तियां आजम खान के कब्जे से मुक्त कराकर माध्यमिक शिक्षा विभाग के कब्जे में दे दी गई हैं| दोनों संपत्तियों पर सील लग चुकी है|
इस मौके पर मौजूद समाजवादी पार्टी के नेताओं का कहना है कि जो दफ्तर समाजवादी पार्टी का है उसे उन्होंने किसी और से लीज पर ले रखी है। हालांकि पुलिस और प्रशासन का कहना है कि दोनों जगह सरकारी जगह हैं और ये माध्यमिक शिक्षा विभाग की जगह थी जो समाजवादी पार्टी के शासनकाल में लीज पर दी गई थीं।