यूपी के गाज़ीपुर ज़िले की बुज़ुर्ग दम्पत्ति की दास्तां देखिए अपनी आंखों से लोग दुनिया को देखना चाहते हैं लेकिन कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जिन्हें अंधता के कारण उनका पूरा जीवन अंधकार में हो जाता है जो चाह कर भी दुनिया को नहीं देख पाते तो वहीं कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो मरने के बाद भी दूसरी के आंखों में जिंदा रहना चाहते हैं और ऐसे ही एक वृद्ध दंपति ने करीब 10 साल पूर्व अपनी आंखों को दान करने का संकल्प लिया। इसके बाद जून महीने में वृद्ध की मौत होने के बाद उनके परिजनों ने उनकी इच्छा अनुसार उनके नेत्रदान किया वही एक दिन पूर्व वृद्ध की पत्नी की भी मौत हो गई उसके बाद उनके बेटे ने इसकी जानकारी विभाग को दिया और फिर नेत्र निकलने वाली एक पूरी टीम आई और नेत्र दान हुआ।
करीमुद्दीनपुर क्षेत्र के पहराजपुर गाँव की रहने वाली पार्वती देवी उम्र 75 वर्ष की मौत के बाद सोमवार के दिन उनके पैतृक गाँव मे दोनो नेत्र का दान हुआ।उनका सपना था कि जरूरत मंदो को रौशनी मिल सके । बताया जा रहा है कि, महिला दंम्पति ने 10 साल पहले नेत्रदान करने का संकल्प लिया था। इसी संकल्प के अनुसार,उनके पति को मौत पिछले जुन महिने मे 30 तारीख को हुआ था उनका भी नेत्र दान हुआ था सोमवार के दिन उनकी पत्नी पार्वती देवी के निधन के बाद परिवार के लोगों ने महिला की उनकी दोनों आंखें डोनेट कर दीं। आई बैक सोसायटी रामकटोरा बाराणसी के साह हॉस्पिटल के डॉक्टर डा.अजय मौर्या की टीम ने पहुंचकर उनके द्वारा दान की जाने वाली दोनों आंखो की कार्निया निकालकर ले गये ।
बता दे पार्वती देवी का 75 वर्ष की उम्र में सोमवार को निधन हो गया। वो कुछ समय से बीमार चल रहीं थीं। उनके पुत्र रामनिवास कुशवाहा ने बताया कि, करीब 10 साल पहले पिता जी और माता जी नेत्रदान का संकल्प ले लिया था। उनके इसी संकल्प को पूरा करने के लिए नेत्रदान करने की बात कही। उन्होंने डॉक्टरों को फोन कर संकल्प से अवगत कराया। इससे पहले पिता जी का भी नेत्र दान हो चुका है । लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे ।