Report By : ICN Network
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं के लिए आने वाला समय भारी पड़ सकता है। बिजली कंपनियों ने 13 रुपये प्रति यूनिट तक नई दरें तय करने का प्रस्ताव दिया है। प्रस्तावित बदलाव के अनुसार, 40 से 45 प्रतिशत तक की दर वृद्धि की सिफारिश की गई है, जिससे आम जनता की जेब पर बड़ा असर पड़ सकता है।
उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग (UPERC) के पास भेजे गए इस प्रस्ताव में घरेलू, वाणिज्यिक और औद्योगिक तीनों ही श्रेणियों में अलग-अलग दरें तय की गई हैं। सबसे ज्यादा असर नियमित घरेलू उपभोक्ताओं और किराएदारों पर पड़ने की संभावना जताई जा रही है।
उदाहरण के तौर पर, अब तक जो उपभोक्ता 6.50 से 7.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली का उपयोग कर रहे थे, उनके लिए नई दरें 10 से 13 रुपये प्रति यूनिट तक पहुंच सकती हैं। यदि यह प्रस्ताव मंजूर होता है, तो बिजली का बिल औसतन हर उपभोक्ता के लिए 500 से 1000 रुपये प्रति माह तक बढ़ सकता है।
बिजली कंपनियों का तर्क है कि उत्पादन लागत, ट्रांसमिशन खर्च और सब्सिडी के बोझ को देखते हुए दरें बढ़ाना ज़रूरी हो गया है। वहीं, उपभोक्ता संगठनों और विपक्षी दलों ने इस प्रस्ताव पर विरोध जताया है और सरकार से इसे खारिज करने की मांग की है।
इस प्रस्ताव पर अंतिम फैसला बिजली नियामक आयोग की जनसुनवाई के बाद लिया जाएगा, जिसकी तारीख जल्द ही तय की जाएगी।