Report By : ICN Network
उत्तर प्रदेश सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राज्य में पेटेंट आवेदन शुल्क को समाप्त कर दिया है। इससे राज्य में नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा, खासकर छोटे उद्यमियों और स्टार्टअप्स को लाभ होगा। अब उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है, जहां पेटेंट के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
इससे पहले, पेटेंट शुल्क की प्रक्रिया ने उद्यमियों के लिए अपने विचारों और नवाचारों को कानूनी सुरक्षा प्राप्त करने में कठिनाई पैदा की थी। राज्य सरकार के इस निर्णय से उद्यमियों को अपने नवाचारों को पेटेंट कराने में आसानी होगी, जिससे राज्य में नवाचार को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार की ‘उद्यमी उत्तर प्रदेश’ योजना का यह हिस्सा है। यह योजना राज्य में स्टार्टअप्स और अनुसंधान कार्यों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से बनाई गई थी। राज्य सरकार का मानना है कि पेटेंट शुल्क समाप्त करने से उत्तर प्रदेश नवाचार के क्षेत्र में आगे बढ़ेगा, और यह निवेशकों के लिए भी एक आकर्षक गंतव्य बनेगा।
यह कदम खासकर उन उद्यमियों के लिए फायदेमंद होगा, जो अपने नवाचारों को पेटेंट कराने की प्रक्रिया में आने वाली आर्थिक कठिनाइयों से जूझ रहे थे। इससे राज्य में तकनीकी और वैज्ञानिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और राज्य का आर्थिक विकास भी तेज होगा।