Report By : ICN Network
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में निवेश प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। अब प्रदेश में कोई भी निवेश आवेदन तभी मान्य होगा, जब उसमें निवेशक का वैध पैन कार्ड जोड़ा गया हो। सरकार ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा है कि बिना पैन कार्ड के प्रस्तुत कोई भी प्रस्ताव न तो स्वीकार किया जाएगा और न ही उस पर आगे की कोई कार्यवाही की जाएगी।
औद्योगिक विकास विभाग ने यह आदेश सभी जिलों को जारी कर दिया है। इस नियम का मकसद राज्य में निवेश को प्रामाणिक बनाना और किसी भी तरह की फर्जीवाड़े की संभावना को खत्म करना है। इससे पहले कई मामलों में बिना पहचान के निवेश प्रस्ताव आने की घटनाएं सामने आई थीं, जिनसे शासन को सतर्कता बरतने की जरूरत महसूस हुई।
पैन कार्ड की अनिवार्यता लागू होने के बाद अब निवेशक को आवेदन पत्र में अपना पैन नंबर दर्ज कराना अनिवार्य होगा। आवेदन प्रक्रिया को डिजिटल और सहज बनाने के प्रयासों के तहत यह बदलाव किया गया है, जिससे ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को भी बढ़ावा मिलेगा।
सरकार का मानना है कि इस नियम से न केवल राज्य में निवेशकों की पहचान सुनिश्चित होगी, बल्कि फर्जी निवेश के मामलों पर भी रोक लगेगी। इसके साथ ही प्रशासन को निवेश प्रस्तावों की समीक्षा करने में भी आसानी होगी।