Report By-Fazil Khan Lucknow(UP)
राजधानी लखनऊ में कपल का कथक परफॉर्मेंस रोंगटे खड़े कर देने वाला था। शानदार कथक देख रहे लोगों को यह आभास भी नहीं हुआ कि, इस कपल में एक कैंसर से पीड़ित है। कीमोथेरेपी की दर्द भरे दौर से गुजर रहा है।राजधानी के कथक उत्साद अनुज मिश्रा और मशहूर कथक नर्तक नेहा सिंह का। नेहा सिंह इस समय चेस्ट कैंसर से जूझ रही हैं।
लगभग आठ साल पहले इन दोनों की शादी हुई थी। उस समय अनुज ने प्रतिज्ञा ली थी कि वे नेहा के साथ अपना प्यार और सम्मान जीवन के आखिरी दिनों तक बरकरार रखेंगे। स्वस्थ रहें या बीमार, जब तक मृत्यु नहीं हो जाती, दोनेां अलग नहीं हो जाते, तब तक यह वचन बरकरार रहेगा। कुछ दिन पहले उन्हें पत्नी के चेस्ट कैंसर का पता चला। इसके बाद उन प्रतिज्ञाओं को पूरी तरह से पालन करने की बात कही। कैंसर के इलाज के दौरान नेहा को कीमोथेरेपी के दौर से गुजरना पड़ा। दवाओं के प्रभाव के कारण सिर के बाल चले गए। गंजेपन के कारण वह झिझक रही थी। अनुज ने ऐसे समय में बड़ा फैसला लिया। वे पत्नी नेहा को वापस मंच पर लाने के लिए उनके मन से झिझक दूर करना चाहते थे। उन्होंने अपना सिर मुंडवा लिया। इस फैसले ने उनके आत्मविश्वास को बढ़ाया। विग लगाए दोनों जब मंच पर कथक के लिए पहुंचे तो अपने परफॉर्मेंस से आग लगा दी। कथक के लखनऊ घराने को 1990 के दशक में अनुज मिश्रा ने लखनऊ घराने के कथक की परंपरा को आगे बढ़ाया। पंडित अर्जुन मिश्रा की पूण्यतिथि पर संगीत नाटक अकादमी में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान अर्जुन और नेहा सिंह की शानदार केमिस्ट्री ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम के पहले नेहा सिंह कीमो के कारण हुए गंजेपन के कारण खुद को हीन भावना से ग्रस्त महसूस कर रही थी। अनुज के बाल हटवा देने के सौहार्द्र ने दर्शकों के बीच उत्सुकता बढ़ा दी। लोग उनके इस कार्य की प्रशंसा करने लगे। विग लगाकर जब दोनों मंच पर पहुंचे तो पूरा हॉल तालियों से गूंज उठा। अनुज ने कहा कि, नेहा ने मजबूरी में विग लगाई। मैंने अपनी मर्जी से। वे कहते हैं कि हम एक जैसे नहीं हो सकते, लेकिन हम एक हैं। यही वह संदेश है जो हम देना चाहते थे। नेहा को चेस्ट कैंसर का पता पिछले दिनों चला और नवंबर के पहले सप्ताह में उनकी पहली कीमो सर्जरी हुई। नेहा को अपनी वर्तमान परिस्थितियों में मंच पर कदम रखने के बारे में संदेह था। अनुज के प्रयास ने कैंसर से लड़ने के लिए उनके आत्मविश्वास और साहस को बढ़ाया है। मंच पर उनके परफॉर्मेंस में यह दिखा। दो बच्चों की मां नेहा कहती हैं कि दर्द मुझे परेशान नहीं करता है। बाल झड़ने से मैं परेशान हो गई थी। जब अनुज ने मेरा सपोर्ट करने के लिए बाल हटवा दिए, तो मुझे परफॉर्मेंस करने का साहस मिला। इस साल मार्च में जब कथक कलाकारों की यह जोड़ी बेंगलुरु और मुंबई में संगीत समारोहों के लिए दौरा कर रही थी, तब नेहा को ऑटोइम्यून बीमारी का पता चला। मंच पर तो वह एक सुंदर मुस्कान बिखेर रही थी, लेकिन ग्रीन रूम में वह दर्द के कारण चीखती थी। परफॉर्मेंस के दौरान उन्हें असहनीय दर्द हो रहा था। वे कहती है कि कोई भी चीज मुझे अपने जीवन के प्यार और कथक के प्रति अटूट प्रतिबद्धता से रोक नहीं सकती है। मैं महसूस कर रही थी कि, यह मुझे अंदर से मार रहा है। लेकिन, मैंने ठान लिया था कि एक कलाकार के लिए मंच पर प्रदर्शन करते हुए मरने से बड़ा कोई सम्मान नहीं है।