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UP  : बांदा जिले में नवजात बच्ची को झाड़ियों में फेंक कर फरार हुई कलयुगी मां , मौके पर पहुंची पुलिस ने नवजात बच्ची को अपने कब्जे में लेकर जिला अस्पताल भिजवाया…

Banda : उत्तर प्रदेश के बांदा जिले से एक दिल को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है जहां एक कलयुगी मां अपनी नवजात बच्ची को एक झोले में भरकर झाड़ियों में फेंक कर फरार हो गई जहां समान लादने आए एक लोडर वाले ने रोने की आवाज सुनी तो उसने जाकर देखा जहां उसे नवजात बच्ची मिली फौरन लोडर चालक ने 112 नंबर डायल कर पुलिस को बुलाया । मौके पर पहुंची पुलिस ने नवजात बच्ची को अपने कब्जे में लेकर जिला अस्पताल भिजवाया।

पूरा मामला शहर कोतवाली अंतर्गत जिआईसी मैदान का है। जहां गायत्री नगर चमरौड़ी चौराहे का रहने वाला यशवंत कुशवाहा लोडर लेकर समान लादने गया था तभी उसने रोने की आवाज सुनी वह आवाज का पीछा करते हुए झाड़ियों के पास पहुंचा जहां एक झोला पड़ा था जिससे रोने की आवाज आ रही थी उसने खोलकर देखा तो उसमे एक नवजात बच्ची बिलख रही थी जिसके बाद उसने तुरंत 112 नंबर डायल कर पुलिस को बुलाया। मौके पर पुलिस स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ पहुंची और बच्ची को कब्जे में लेकर एंबुलेंस में जिला अस्पताल भिजवा दिया।

जहां एक तरफ हमारा देश चांद तक पहुंच गया है और सूरज की परिक्रमा कर रहा है और यह सब अकेले पुरुष ने नही किया बल्कि इसमें महिलाओं का बराबर का सहयोग है इतना ही नहीं इस आधुनिक युग में लड़का और लड़की का भेद भी खत्म सा हो चुका है और लडको से ज्यादा लड़कियां सफलता की बुलंदियों को छू रहीं है वहीं सरकार भी लगातार महिला सशक्तिकरण के लिए अनगिनत अभियान चला रही है और लड़कियों को प्रोत्साहित भी कर रही है लड़कियों की सुरक्षा के लिए भी कई कड़े कानून बनाए गए हैं इस सबके बाद भी कहीं न कही कुरूतियां पनप रहीं हैं तभी तो कोई कलयुगी मां एक बच्ची को जन्म देने के बाद झोले में भरकर झाड़ियों में फेंक देती है। जानकारी के अनुसार यह नवजात बच्ची जो झोले में मिली है यह मात्र 10 से 15 दिनों की बताई जा रही है।

कुरूतियों में घिरा समाज कब समझेगा की अब वाकई लड़कियां लक्ष्मी के समान हैं इनके घर में आने से धन का प्रवेश निश्चित है। लड़कों से कहीं ज्यादा सुविधाएं लड़कियों को दी जा रहीं हैं यहां तक कि सरकार जन्म से लेकर पढ़ाई तक का पैसा दे रही है। साथ ही नौकरियों में भी इन्हे छूट मिल रही है। लड़कियां बोझ हैं और इन्हें पराए घर जाना है ऐसी सोच को अब मिटाना होगा। तभी आपका और आपकी समाज का उत्थान संभव हो पाएगा।

By admin

Journalist & Entertainer Ankit Srivastav ( Ankshree)

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