Report By-Waheed Ahmad Mahoba(UP)
यूपी के महोबा में देश सहित दुनिया के कई देशों में रोटी बैंक संचालित करने वाले महोबा रोटी बैंक ने विगत 11 वर्षों की भांति इस वर्ष भी गरीबों के साथ शीतकालीन उत्सव मनाया है। इस उत्सव में जरूरतमंद गरीब, असहाय और दिव्यांगों को ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े और साथ ही मिष्ठान वितरित किया गया। जिसे पाकर जरूरतमंदों के चेहरे खिल उठे। भव्य कार्यक्रम के बीच उत्सव मनाते हुए देश के पहले रोटी बैंक ने भरपेट भोजन के साथ-साथ गरीबों के तन को गर्म कपड़े देकर मानवता की मिसाल को पेश किया है।
यही नहीं मकान में आग लगने से बेघर हुए गरीब परिवार को भी आर्थिक मदद दी गई। इस कार्यक्रम में जनपद के पत्रकारों को भी रोटी बैंक के सहयोग हेतु सम्मानित किया गया है।
देश में पहला रोटी बैंक खोलकर चर्चा में आया महोबा का रोटी बैंक बढ़ती सर्दी के बीच सरकार से
मदद की आस लगाए गरीबों के लिए बड़ा सहारा बनकर सामने आया है। पूरे वर्ष गरीब और भूखे पेट को भोजन देने वाला रोटी बैंक सर्दी से बचाव के लिए गरीबो के साथ शीतकालीन उत्सव मनाकर तन को गर्म कपडे देने का काम कर रहा है। महोबा में संचालित रोटी बैंक ने भारत ही नही विश्व मे अपनी कार्यप्रणाली की बेहतर मिशाल पेश की है। सरकारी व गैरसरकारी संस्थाओं के बिना ही रोटी बैंक के कर्मचारी रात दिन मेहनत कर जिले के गरीब और असहायों को घर-घर जाकर निशुल्क भोजन वितरित कर रहे हैं। भारत सहित अन्य देशों में भी रोटी बैंक काम कर रहा है। रोटी बैंक के संस्थापक हाजी मुट्टन और अध्यक्ष प्रभा तिवारी ने तमाम स्थानों पर भ्रमण कर 502 गरीबो को चिन्हित किया है। जिन्हे जीजीआईसी कॉलेज में शीतकालीन कैम्प के माध्यम से ठंड से बचाने के लिए कम्बलों का वितरण किया गया है। साथ ही सार्वजानिक स्थानों में घूमकर 200 अन्य गरीबों को भी कम्बल वितरित किये गए है। शीतकालीन उत्सव में मौजूद अतिथियों और समाजसेवियों ने रोटी बैंक के कार्यक्रम की जमकर प्रशंसा की। इस कार्यक्रम में मकान में आग लगने से बेघर हुए एक परिवार को भी रोटी बैंक ने 10 हजार रुपए की आर्थिक मदद की है।
शीतकालीन उत्सव में रोटी बैंक के संस्थापक हाजी मुट्टन बताते है कि पिछले एक सप्ताह से रात के समय रोडवेज, रेलवे स्टेशन, अस्पताल में मौजूद जरूरतमंदों को कम्बल बांटने का काम किया गया। आज जिन घरो तक रोटी पहुँचाने का काम रोटी बैंक करता है उन सभी 502 जरुरत मंद गरीब विकलांग, असहाय लोगो को शीतकालीन उत्सव के जरिये ये कम्बल बांटे गए गए। रोटी बैंक के संस्थापक हाजी मुट्टन कहते है कि रोटी बैंक बिना किसी की मदद लिए गरीबो के हित में काम कर रहा है । साल में दो बार गरीबो के लिए उत्सव प्रत्येक वर्ष होता है। शीतकालीन उत्सव में सभी लोगो को कम्बल वितरित किये गए है । बैंक लगातार आगे बढ़ रहा है विदेशों में भी महोबा का रोटी बैंक काम कर रहा है। रोटी बैंक का लक्ष्य और सन्देश है कि पडोसी भूखा न सोये इसका लोग ख्याल रखें। ठण्ड से किसी की मौत न हो इसके लिए इस उत्सव के माध्यम से चिन्हित किये गए जरूरतमंदों को गर्म कम्बल वितरित किये गए है। ये सब से बड़ा इंसानियत का काम है। जिसमे महोबा के कार्यकर्ता दिन रात काम कर रहा है और ये सिलसिला आगे भी चलता रहेगा। रोटी बैंक के इस कार्य की आमजन भी सराहना कर रहे है।
रोटी बैंक के इस शीतकालीन उत्सव में आने वाले गरीबों ने भी रोटी बैंक से मिलने वाली दो वक्त की रोटी के साथ-साथ मदद की जमकर प्रशंसा की और रोटी बैंक को धन्यवाद देते हुए कहा कि हम बेसहारों के लिए रोटी बैंक वर्षों से काम कर रहा है। भूखे को भोजन के साथ-साथ हमें गर्म कपड़े मुहैया कराए हैं जिसके लिए रोटी बैंक का धन्यवाद है जिसे हम सब का ख्याल है।