Report By-Sarfaraz Ahmad Barabanki (UP)
यूपी के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के बेहद करीबी गुर्गे अफरोज खान उर्फ चुन्नू पर बाराबंकी-पुलिस प्रशासन ने अपना शिकंजा और कस दिया है।अफरोज खान उर्फ चुन्नू की करीब डेढ़ करोड़ रुपये की संपत्ति बाराबंकी पुलिस और प्रशासन कुर्क करने जा रहा है।
बाराबंकी डीएम सत्येंद्र कुमार ने अफरोज खान के संपत्ति की कुर्की का आदेश जारी कर दिया है। जल्द ही संयुक्त टीम लखनऊ में जाकर कुर्की की कार्रवाई करेगी। बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मुख्तार अंसारी गिरोह के सक्रिय सदस्य अफरोज उर्फ चुन्नू पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज है। अफरोज के खिलाफ विभिन्न जिलों में 15 दूसरे मुकदमे भी दर्ज हैं। जिसपर अब कुर्की की कार्रवाई होनी है।आपको बता दें कि बाराबंकी एआरटीओ ऑफिस में 21 मार्च 2013 को एक एंबुलेंस यूपी एटी 7171 फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रजिस्टर्ड कराई गई थी। जिसके बाद 31 मार्च 2021 को यह एंबुलेंस मुख्तार अंसारी द्वारा पंजाब की रोपड़ जेल में बंद रहने के दौरान कोर्ट में पेशी पर जाने के लिए इस्तेमाल करते हुए पाई गई। मामला तूल पकड़ने के बाद दो अप्रैल 2021 को बाराबंकी के तत्कालीन एआरटीओ पंकज सिंह ने मऊ की डाक्टर अलका राय के खिलाफ जालसाजी का केस बाराबंकी नगर कोतवाली में दर्ज कराया था।
चार जुलाई 2021 को पुलिस ने इस मामले में मुख्तार अंसारी, डा. अलका राय और अफरोज खान उर्फ चुन्नू समेत 13 खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। आरोप पत्र दाखिल होने के बाद 24 मार्च 2022 को बाराबंकी पुलिस की रिपोर्ट पर डीएम ने मुख्तार अंसारी के गैंगचार्ट पर अनुमोदन दे दिया और 25 मार्च 2022 को बाराबंकी नगर कोतवाली में मुख्तार अंसारी समेत 13 लोगों के खिलाफ गैंगस्टर का केस दर्ज हुआ। फिलहाल दोनों केस बाराबंकी की अदालत में विचाराधीन हैं।वीओ- वहीं इस मामले को लेकर बाराबंकी के एसपी दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि गाजीपुर जिले के थाना मोहम्मदाबाद के महरुपुर निवासी अफरोज की लखनऊ के त्रिवेणीनगर में पत्नी के नाम 171.635 वर्ग मीटर भूखंड व उस पर बना मकान, इरादतनगर वार्ड में 55.20 वर्ग मीटर जमीन और मकान को कुर्क किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अफरोज खान उर्फ चुन्नू पुत्र फारुक खान ने बीते 10-12 सालों से आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहकर अपराध से धनोपार्जन कर स्वयं व परिजनों के नाम पर अचल सम्पत्ति अर्जित की है। कुर्क करने का आदेश उप्र गिरोहबन्द एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के तहत जिलाधिकारी द्वारा दिया गया है।