स्टोरी आइडिया कासगंज यूपी के कासगंज में एक और इतिहास रच गया , आज 512 वर्ष बाद तीर्थ नगरी सोरों जी के त्रेतायुगीन सीताराम मंदिर में भी हुई भगवान श्री राम और माता सीता के विग्रह की पुनर्स्थापना
वर्ष 1511 में सिकंदर लोदी व उसके बाद औरंगजेब ने इस प्राचीन मंदिर के विग्रह को नष्ट कर दिया था, तबसे लेकर कल तक इस मंदिर में कोई मूर्ति/विग्रह नहीं था।
आज जिस वक्त अयोध्या में भगवान श्री रामलला के विग्रह की प्राणप्रतिष्ठा हुई, ठीक उसी वक्त सोरों जी के इस त्रेतायुगीन मंदिर में भी भगवान श्री राम व माता सीता के विग्रह की पुनर्स्थापना अखंड आर्यावर्त निर्माण संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भूपेश शर्मा के नेतृत्व में पंडित नरेश त्रिगुणायत,पंडित कमल नयन शर्मा,पंडितउमेश पाठक ने मंत्रो उच्चारण के साथ पूजा अर्चना करा की गई ।
यूपी के कासगंज जनपद के तीर्थ नगरी सोरों शूकर क्षेत्र में पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित सीताराम मंदिर काफी प्राचीन है ।मंदिर की दीवारों पर लिखी लिपियां इसके पौराणिक होने का प्रमाण है। मुगल आक्रांताओं द्वारा इस मंदिर का विध्वंस किया गया। यह विध्वंस वर्ष 1511 में आक्रांत सिकंदर लोदी के द्वारा किया गया तो 1693 में औरंगजेब ने। सीताराम मंदिर के अलावा वराह मंदिर को भी क्षति पहुंचाई गई। बाद में नेपाल नरेश ने वराह मंदिर का जीर्णो उद्धार कराया था। लेकिन सीताराम मंदिर का जीर्णो उद्धार नहीं हो सका बाद में पुरातत्व विभाग के द्वारा मंदिर को संरक्षित किया गया। लेकिन प्रभु श्री राम और माता सीता के विग्रह स्थापित नहीं किए। गए तब से इस मंदिर को प्रभु श्रीराम , माता सीता की प्रतिमाओं की स्थापना का आज तक इंतजार है। मौजूदा समय में पुरातत्व विभाग का एक कर्मी मंदिर में सुबह शाम धूप बत्ती अगरबत्ती जलाकर पूजा करता है ।लेकिन मंदिर में सीता रामजी की मूर्ति स्थापित नहीं है। आने वाले तीर्थ पर्यटक मंदिर की पुरानी लिपियां को देखकर ही वापस हो जाते है।