बिहार में मतदाता सूची नवीकरण
निर्वाचन आयोग बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के समापन के बाद राज्य के समस्त मतदाताओं को आधुनिक और अद्यतन मतदाता पहचान पत्र प्रदान करने की महत्वाकांक्षी योजना पर कार्य कर रहा है। अधिकारियों ने रविवार (31 अगस्त, 2025) को इसकी जानकारी साझा की।
अधिकारियों ने बताया कि नए मतदाता पहचान पत्र जारी करने का अंतिम समय और प्रक्रिया अभी निर्धारित की जानी है। हालांकि, यह स्पष्ट है कि बिहार के प्रत्येक मतदाता को नया पहचान पत्र प्रदान करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं, जो राज्य के लोकतांत्रिक उत्सव को और सुदृढ़ करेगा।
नवीन तस्वीर के साथ दस्तावेज अद्यतन का निर्देश
मतदाताओं को गणना प्रपत्र के साथ अपनी नवीनतम तस्वीर जमा करने का निर्देश दिया गया है। यह तस्वीर मतदाता रिकॉर्ड को अद्यतन करने और नए पहचान पत्र जारी करने में उपयोगी होगी, जिससे मतदाता सूची की प्रामाणिकता और विश्वसनीयता सुनिश्चित होगी।
7.24 करोड़ मतदाताओं की मसौदा सूची, 30 सितंबर को अंतिम प्रकाशन
1 अगस्त को प्रकाशित मसौदा मतदाता सूची के अनुसार, बिहार में 7.24 करोड़ मतदाता दर्ज हैं। अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर, 2025 को प्रकाशित होगी। राज्य में विधानसभा चुनाव नवंबर में संभावित हैं, क्योंकि वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है। इस समयसीमा से पहले नया सदन गठित करना अनिवार्य है।
99% मतदाताओं ने जमा किए दस्तावेज, 30,000 नए आवेदन
निर्वाचन आयोग के अनुसार, गणना प्रपत्र भरने वाले 99% मतदाताओं ने अपने दस्तावेज जमा कर दिए हैं। साथ ही, लगभग 30,000 लोगों ने मसौदा सूची में नाम न होने के कारण मतदाता सूची में शामिल होने के लिए आवेदन किया है। यह प्रक्रिया मतदाता सूची की समावेशिता को और सशक्त कर रही है।
बिहार बना पहला राज्य: मतदान केंद्रों पर युक्तिकरण
बिहार ने मतदान प्रक्रिया को और सुगम बनाने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। युक्तिकरण प्रक्रिया के तहत, प्रति मतदान केंद्र मतदाताओं की संख्या 1500 से घटाकर अधिकतम 1200 कर दी गई है, जिससे मतदान के दिन भीड़भाड़ कम होगी। इस बदलाव के परिणामस्वरूप, राज्य में मतदान केंद्रों की संख्या 77,000 से बढ़कर 90,000 हो गई है। यह युक्तिकरण प्रक्रिया भविष्य में पूरे भारत में लागू की जाएगी। गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनाव में देशभर में 10.5 लाख मतदान केंद्र स्थापित किए गए थे।