Report By : ICN Network
भारत में वक्फ बोर्ड रेलवे और रक्षा मंत्रालय के बाद तीसरा सबसे बड़ा भूमि स्वामी है। इसके पास लगभग 9.4 लाख एकड़ भूमि में फैली 8.7 लाख संपत्तियाँ हैं, जिनकी अनुमानित कीमत 1.2 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।
विभिन्न राज्यों में वक्फ संपत्तियों का वितरण इस प्रकार है: उत्तर प्रदेश में सुन्नी वक्फ बोर्ड के पास 2,10,239 संपत्तियाँ हैं, जबकि शिया वक्फ बोर्ड के पास 15,386 संपत्तियाँ हैं。
सरकार ने 8 अगस्त 2024 को वक्फ (संशोधन) विधेयक की घोषणा की, जिसका उद्देश्य वक्फ अधिनियम, 1995 में सुधार करना है। इस विधेयक में वक्फ की परिभाषा को अद्यतन करना, पंजीकरण प्रक्रियाओं में सुधार करना, और बेहतर रिकॉर्ड कीपिंग के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करना शामिल है।
हालांकि, इस विधेयक का कुछ वर्गों में विरोध हुआ है। आलोचकों का मानना है कि यह मुस्लिम संपत्तियों के अधिकारों को कमजोर कर सकता है और धार्मिक संस्थानों की स्वायत्तता को प्रभावित कर सकता है। विपक्षी दलों और विभिन्न मुस्लिम समूहों ने इसे अल्पसंख्यक अधिकारों को कमजोर करने का प्रयास बताया है।
विधेयक के समर्थकों का तर्क है कि इसका उद्देश्य भ्रष्टाचार को कम करना और संपत्ति प्रबंधन में सुधार करना है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और दक्षता लाने के लिए आवश्यक है।
विधेयक का भविष्य संसद में होने वाली बहस और मतदान पर निर्भर करेगा। इस बीच, मुस्लिम समुदाय और अन्य हितधारक इस पर अपनी चिंताओं और सुझावों को प्रकट कर रहे हैं।