जब पीड़ित ने रकम निकालने का प्रयास किया तब ठगी का पता चला। कोतवाली सेक्टर-126 पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली है। सेक्टर-128 स्थित जेपी ग्रीन्स सोसाइटी निवासी 65 वर्षीय अजय सिंह कारोबारी हैं। वह शेयर बाजार में रुचि रखते हैं। साइबर जालसाजों ने बुजुर्ग को सात जून को शेयर बाजार संबंधी एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा। इसमें पहले से सैकड़ों लोग जुड़े हुए थे। 15 जून को इस ग्रुप की एडमिन अनिकिता डेका नामक महिला ने फोन किया और खुद को कथित बजाज फाइनेंशल कंपनी का अधिकारी बताया। अनिकिता ने कहा कि अगर उनके मुताबिक वह शेयर मार्केट में निवेश करें तब शत प्रतिशत का मुनाफा हो सकता है। महिला ने नामी कंपनी और सेबी से जुड़े कागजात भी दिखाए। इससे अजय को विश्वास हुआ। जालसाजों ने एप पर पंजीकरण कराकर पहले 10 से 50 हजार का निवेश कराना शुरू कर दिया।
इस दौरान एप पर मनचाहा मुनाफा दिखाते जाते, अजय से निवेश करवाकर रकम का आंकड़ा बढ़वाते जाते। इसके बाद आईपीओ खरीदने के नाम पर भी रकम डलवाए। बुजुर्ग के मना करने पर जालसाजों ने खुद ही सात दिनों के लिए 10 लाख रुपये का ब्याजमुक्त लोन दिया। अजय सिंह ने 19 जुलाई तक 1.85 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए। इस दौरान एप पर पोर्टफोलियो करीब 59 करोड़ रुपये का दिखाई दे रहा था। जमा पूंजी खत्म होने पर अजय ने मुनाफे समेत रकम को निकालना चाहा तब जालसाजों ने कैपिटल गेन और सर्विस चार्ज के नाम पर 13.5 करोड़ रुपये जमा कराने के लिए कहा। इससे पीड़ित अजय परेशान हो गए और इतनी रकम जमा करने से मना कर दिया। इस पर जालसाजों ने उन्हें ग्रुप से बाहर कर दिया और सभी संपर्क तोड़ दिए। इसके बाद उन्होंने स्थानीय पुलिस से शिकायत की। कोतवाली सेक्टर-126 के प्रभारी भूपेंद्र कुमार ने बताया कि मुकदमा दर्ज किया गया है और मामले की जांच की जा रही है। सेबी ने जांच कर बताया कि कंपनी फर्जी है जब 1.85 करोड़ रुपये की ठगी अजय सिंह से हो गई तब उन्होंने पुलिस के अलावा सेबी व बजाज कंपनी से भी संपर्क किया। इस पर सेबी ने जांच कर बताया कि जिस कंपनी के नाम पर ठगी की गई है वह फर्जी है। पुलिस ने इस मामले में 2.5 लाख रुपये फ्रीज भी कराए हैं। पुलिस की जांच में पता चला है कि जालसाजों ने एचडीएफसी, आइडीएफसी, यस बैंक, सेंट्रल बैंक आफ इंडिया, एचडीएफ, इंडसइंड बैंक, आइडीबीआइ, करूर वैश्य बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा के खातों में रकम को ट्रांसफर कराया। पुलिस उन खातों की जांच कर रही है।