Report By : Ranu Anwar Raza Banda (UP)
ऐसी प्यास और ऐसा सब्र, दरिया पानी पानी है” शायरी के यह नौ शब्द बुंदेलखंड की कहानी बयां करने के लिए काफी हैं। जो सालों से इस उम्मीद में टकटकी लगाए बैठा है की कछुए की चाल चलने वाला सरकारी महकमा कभी तो उसके द्वार तक पहुंचेगा और इंतजार खत्म होगा । पर बांदा जिले की यह तस्वीरें बात रहीं है की पानी के लिए जिंदगी को और जद्दोजहद करना होगा
बुंदेलखंड में इन दिनों आसमान से आग बरस रही है। सूर्य की अग्नि जिस्म की बूंद बूंद सोखने को उतावली नजर आ रही है। ऐसे में पानी ही एक जरिया है जो इस तपन से छुटकारा दिला सकता है। पर पानी की किल्लत ने लोगों को सूर्य की अग्नि के आगे घुटनों में लाकर खड़ा कर दिया है लोग पानी के लिए लड़ मरने को भी तयार हो जाते हैं जी हां यह तस्वीरें है बांदा जिले के दुरेडी गांव की जो भाजपा के विधायक और जलशक्ति मंत्री रामकेश निषाद की विधान सभा क्षेत्र में आता है। जहां हर घर नल योजना के तहत पूरे गांव में पाइप तो बिछ गए पर एक साल से भी ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी इस पाइप लाइन में पानी नहीं पहुंच पाया है। इतना ही नहीं घरों के बाहर लगे नलों की टोटिया भी गायब हैं। गांव के बच्चों से लेकर बूढ़े तक पानी के लिए जद्दोजहद करते नजर आए ग्रामीणों ने जिम्मेदारों पर अनदेखी करने का आरोप लगाया लोगों ने कहा आलम यह है की पानी के लिए लड़ाई तक लड़नी पड़ती है।
गांव में पानी की इस भीषण समस्या को देखा और लोगो की पीड़ा सुनी तो हमसे रहा न गया और हम चल दिए ग्राम प्रधान की ओर क्योंकि गांव की समस्याओं का निस्तारण करना प्रधान की जिम्मेदारी होती । आखिरकार प्रधान से मुलाकात हो ही गई जिन्होंने बताया की जल संस्थान की पाइपलाइन जगह जगह से टूटी पड़ी है जिसके चलते पानी नहीं आ पा रहा लोगों को सरकारी हैंड पंपों से मशक्कत के साथ पानी भरना पड़ रहा है वहीं हर घर नल योजना का काम तो पूरा हो गया है पर टंकी तक अभी पानी नहीं पहुंचा पाए हैं।
ग्राम प्रधान से बात करने पर भी हमारे मन को संतुष्टि नहीं हुई हमें समस्या की तह तक जाना था क्योंकि इस भीषण गर्मी में पानी की समस्या कोई आम बात नहीं हजारों लोगों की जिंदगी का सवाल भी है । इसलिए पहुंच गए ग्रामीण जल निगम के एक्सियन के पास और हमने पूछा की जब योजना के कार्य की समय सीमा दिसंबर 2023 को खत्म हो चुकी है तो अभी तक गांव में पानी क्यों नही पहुंचा लड़खड़ाती जुबान से साहब बोले की तमाम प्रकार की समस्याएं सामने आई जिसके कारण कार्य समय से पूरा नहीं हो सका उन्होंने कहा की 85 प्रतिशत कार्य पूरा हो गया है और पचास प्रतिशत गांवों में पानी भी पहुंचाया जा रहा है। दुरेड़ी गांव में बोर सफल नहीं हुआ इसलिए अब यमुना नदी का पानी पहुंचाने की तैयारी चल रही हैं।
ग्रामीण जल निगम के एक्सियन की बात सुनकर यह समझ में आ गया की ग्रामीणों को इस योजना का लाभ जल्दी नहीं मिलने वाला क्यों अभी तो पंद्रह प्रतिशत कार्य ही बकाया है वही अभी तक केवल पचास प्रतिशत गांवों में ही पानी पहुंचा है । यानी हम समझ गए की ग्रामीणों की प्यास इस योजना से इस गर्मी तो नही बुझने वाली तो सोचा क्यों न इस समस्या को क्षेत्रीय विधायक के सामने रखा जाए जो प्रदेश के जल शक्ति मंत्री भी हैं।
बुंदेलखंड की प्यास बुझाने के लिए सरकार ने हर घर नल योजन की शुरुआत सन 2021 में की थी जिसे संस्था को दिसंबर 2023 में पूरा करना था लेकिन अभी भी कार्य पूरा नहीं हुआ अब सवाल यह उठता है कि पानी का लोगों को और कितना इंतजार करना होगा जिम्मेदारों का ये ढीला और गैर जिम्मेदाराना रवैया लोगों को मौत के मुहाने तक लिए जा रहा है। बुंदेलखंड की एक कहावत है “जब चिड़िया चुन गई खेत फिर सर पीटे का हुई।