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क्या BJP विधायक के घर पहुंचेगा बुलडोजर ? गोलीकांड के बाद Maharashtra में हाई हुआ सियासी पारा, जानें क्या है इनसाइड स्टोरी…

ByIcndesk

Feb 4, 2024
Report By : Himanshu Garg (Maharashtra News)

भारत में जिन-जिन राज्यों में बीजेपी की सरकार है वहां माफिया, बदमाशों या कोई भी वह अपराधी जो अपराध करता है उसके खिलाफ सरकार बुलडोजर की कार्रवाई कर उस आशियाना को ध्वस्त कर देती है जो उनके परिजनों ने पाई-पाई जोड़कर बनाया होता है। लेकिन क्या ये नियम BJP अपने विधायकों पर भी लागू करेंगी ? ऐसा पूछना है विपक्ष के नेताओं का। अब आप सोच रहे होंगे ऐसा क्यों तो चलिए बताते है आपको क्या है मामला… दरअसल, 2 फरवरी को महाराष्ट्र में उल्हासनगर का हिल लाइन पुलिस स्टेशन में करीब रात 9:30 बज थाने के अंदर बीजेपी विधायक गणपत गायकवाड़ और शिंदे गुट के नेता महेश गायकवाड़ अपने-अपने साथियों के साथ दाखिल हुए। दोनों ही जमीन विवाद को लेकर पुलिस के पास शिकायत लेकर आए थे। इसी दौरान दोनों के बीच बहस हो गई। बहस इतनी भढ़ गई कि ताबड़तोड़ फायरिंग होने लगी। ये फायरिंग की थी BJP विधायक गणपत गायकवाड़ ने। मौके पर मौजूद पुलिस ने तुरंत विधायक गणपत गायकवाड़ सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया।

वहीं, दोनों घायलों को पहले एक स्थानीय मीरा अस्पताल ले जाया गया। जहां से हालत बिगड़ा देख उन्हें ठाणे स्थित जुपिटर अस्पताल में रेफर कर दिया गाया। जहां महेश गायकवाड़ का ऑपरेशन हुआ, जो कि सफल रहा। उन्हें कुल 6 गोलियां लगी थीं। लेकिन उनके साथी को दो गोलियां लगी थीं। दोनों का फिलहाल अस्पताल में इलाज चल रहा है। लेकिन गोलीबारी की ये पूरी घटना थाने में लगे CCTV कैमरे में कैद हो गई। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल भी हो रहा है। वीडियो हर जगह आग की तरह फैल रही है। लेकिन पुलिस स्टेशन में जाकर कथित तौर पर फायरिंग का ये मामला अब राजनीतिक रुप लेता नजर आ रहा है। लगातार इस घटना को लेकर विपक्ष के नेताओं के बयान सामने आ रहे हैं।

बता दें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने तुरंत मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने के आदेश दिया। वहीं डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि घटना की जांच के लिए क्राइम ब्रांच की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) गठित की गई है। एसीपी नीलेश सोनावणे के नेतृत्व में मामले की जांच की जाएगी।

पहले जानें कौन है गणपत गायकवाड़ और महेश गायकवाड़?


दरअसल, गणपत गायकवाड़, कल्याण ईस्ट सीट से भाजपा विधायक हैं। जो साल 2009 से लगातार चुनाव जीते आ रहे है। वहीं शिवसेना नेता महेश गायकवाड़ कॉर्पोरेटर हैं और सीएम एकनाथ शिंदे के करीबी माने जाते हैं। महेश गायकवाड़ उल्हासनगर शिवसेना के प्रमुख भी हैं।

मामले में ये बोली पुलिस
इस मामले में एडिशनल सीपी शिंदे का कहना है कि घटना की रात पहले हिल लाइन पुलिस स्टेशन में वैभव गायकवाड़ गया था। उसके साथ एकनाथ नामदेव जाधव था और दोनों जमीन संबंधी शिकायत लेकर गए थे। लेकिन वैभव और एकनाथ के पहुंचने की खबर जैसे ही महेश गायकवाड़ को मिली, वो भी अपने समर्थकों के साथ हिल लाइन पुलिस स्टेशन पहुंच गए। महेश के पुलिस थाने जाने की सूचना, जब वैभव के पिता गणपत गायकवाड को मिली तो गणपत खुद अपने बॉडीगार्ड हर्षल केने के साथ हिल लाइन पुलिस थाना पहुंच गए।

पुलिस के अनुसार, कुछ देर तक सीनियर पीआई अनिल जगताप के केबिन में उन लोगों के बीच बातचीत हुई, इस बीच बाहर दोनों नेताओं के समर्थक बड़ी संख्या में इकट्ठा हुए और नारेबाजी करने लगे। अनिल जगताप लोगों को समझाने के लिए केबिन से बाहर निकले। उसके कुछ मिनट बाद ही गणपत गायकवाड़ के इशारे पर बेटा वैभव गायकवाड और एकनाथ जाधव भी केबिन से निकल गए, जो की सीसीटीवी फुटेज में भी दिखाई दिया। जैसे ही एकनाथ, जो गणपत का व्वासायिक पार्टनर है और बेटा वैभव केबिन से बाहर निकले। गणपत ने अपने बॉडीगार्ड हर्षल से उसकी लाइसेंसी रिवॉल्वर अपने पास ली और फिर गणपत ने महेश पर ताबड़तोड़ गोली चला दी। जिसमें महेश और उसका साथी बुरी तरह घायल हो गए।

चढ़ने लगा सियासी पारा
ये मामला अभी तक शांत नहीं हुआ है। इस घटना के बाद से ही महाराष्ट्र की राजनीतिक का पारा हाई है। महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता विजय वडेत्तिवार ने घटना को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा, ”उल्हासनगर के एक पुलिस स्टेशन में भाजपा विधायक गणपत गायकवाड़ और शिंदे गुट के कॉर्पोरेटर के बीच फायरिंग की घटना हुई है। भाजपा के बॉस ‘सागर’ बंगले में बैठे हैं और शिंदे गुट के बॉस ‘वर्षा’ बंगले में बैठे हैं, इसलिए दोनों पार्टियों के पदाधिकारियों और विधायकों को लगता है कि वह पुलिस के साथ खेल सकते हैं और कानून को अपने हाथ में ले सकते हैं।”

अजित पवार जताई नाराजगी
वहीं दूसरी तरफ अजित पवार नाराजगी जताते हुए कहा कि वे इस पर गृह मंत्री देवेंद्र फड़णवीस से बात करेंगे। अजित पवार ने कहा कि उल्हासनगर की घटना सभी ने देखी है। विधायक गायकवाड़ एक हताश शख्स की तरह बात कर रहे थे। उन्हें संविधान से मिले अधिकारों के दुरुपयोग करने को लेकर सावधान रहना चाहिए।

शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा कि अगर इस राज्य में एकनाथ शिंदे जैसा मुख्यमंत्री होगा तो यहां अपराधी ही पैदा होंगे। बीजेपी विधायकों को अब कानून का डर नहीं है।

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